शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
शाहजहांपुर जनपद के जैतीपुर क्षेत्र के मुड़िया गांव में करीब 21 साल पहले दलित परिवार के साथ हुई घटना में अब फैसला आया है। इस मामले में न्यायालय ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर पिता पुत्र समेत छह लोगों को दलित पर जानलेवा हमले का दोषी ठहराया है। सभी छह दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा के साथ सभी पर 2.22 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
घटना जैतीपुर के मुड़िया गांव निवासी श्रीपाल के साथ हुई थी। आठ मार्च 2004 को श्रीपाल ने जैतीपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सात मार्च को रात में करीब 10 बजे वह अपने पूरे परिवार के साथ बैठा था। गांव भुड़िया के ब्रजपाल पुत्र साधु, जगदीश, नरवीर पुत्र ब्रजपाल, बलवीर व सुरेंद्र पुत्र सुखलाल, रोशन डालू पुत्र चंदर यादव हाथों में डंडे-लाठी और बंदूकें लेकर दरवाजे पर आ धमके, जाति सूचक गालियां देने लगे। कह रहे थे कि हमारे यहां होली मिलने क्यों नहीं आया। जब गालियां देने से मना किया तो लात घूंसा से पीटा, फिर डंडा और लाठियां मारनी शुरू कर दीं। बंदूक की बटों से भी पीटने लगे। शोर मचाने पर भाई राजकुमार व उनकी पत्नी रामश्री, सहदेई, पुत्री किरन और भतीजी रेखा के साथ भी मारपीट की। इसके बाद डालू के कहने पर घर में आग लगा दी। पूरा घर जल रहा था। तभी ब्रजपाल और उनके परिवार के हमलावरों ने जोर जोर से कहा कि जो आदमी आग बुझाने जाएगा उसे गोलियों से भून दिया जाएगा। पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा। पीड़ित ने छिपकर थाने पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विवेचना के उपरांत आरोप पत्र न्यायालय भेज दिया गया। न्यायालय विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, कक्ष संख्या-दो में मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान और विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार मिश्रा के तर्क सुनने व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद न्यायाधीश गरिमा सिंह ने दोषी पाए जाने पर जगदीश यादव और उसके भाई नरवीर,पिता ब्रजपाल यादव व बलवीर,रोशन उर्फ डेलू,सुरेन्द्र यादव को आजीवन कारावास की सजा और और 2.22 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
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