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शिक्षिका की मौत का मामलाः शाहजहांपुर में आईएमए अध्यक्ष पर लगा इलाज में लापरवाही का आरोप, रिपोर्ट दर्ज

शाहजहांपुर में आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. पीके अग्रवाल समेत चार डाक्टरों के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने की रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामला एक शिक्षिका की प्रसव के बाद मौत से जुड़ा है।

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Narendra Yadav
शाहजहांपुर

कोतवाली चौक में तहरीर लिखकर देते मृत शिक्षिका का स्वजन। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

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शाहजहांपुर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डा. पीके अग्रवाल समेत चार डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है। मामला प्रसव के बाद शिक्षिका की मौत से जुड़ा है। जिसमें शिक्षिका के पिता ने चार डाक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

कोतवाली चौकमें दर्ज कराई गई रिपोर्ट में मोहनगंज बाड़ूजई द्वितीय निवासी मुकेश आहूजा ने कहा है कि मेरी बेटी चारू आहूजा पत्नी मयंक चढ्ढा निवासी लक्ष्मीनगर कालोनी गोला जिला लखीमपुर खीरी जोकि पुवायां के कंपोजिट स्कूल भटपुरा चंदु में शिक्षिका है। करीब नौ माह से बृजदीप नर्सिंग होम की डाक्टर दीपा सक्सेना के यहां से इलाज करा रही थी। 20 अप्रैल को चारू को रात करीब एक बजे प्रसव पीड़ा हुई तथा आपरेशन के द्वारा 2.40 एएम पर पुत्री को जन्म दिया जोकि पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके बाद चारू को वार्ड एक में एडमिट किया गया। चारू को शौच करने में दिक्कत थी। लेकिन डा. दीपा सक्सेना ने कोई गौर नहीं किया। जब चारू की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तब डा. पाठक और डा. पीके अग्रवाल व अन्य डाक्टरों के साथ आईसीयू में वेंटीलेटर पर रख दिया गया। इसके बाद चारू की रात में आठ बजे मृत्यु हो गई। इसके बाद डा दीपा सक्सेना स्वयं कमला नर्सिंग होम पर लेकर पहुंचीं। आरोप है कि चारू की तबियत आपरेशन से पहले बिल्कुल ठीक थी। बार बार कहने के बाद डा. दीपा कोई बीमारी का बहाना बनाती रहीं। करीब चार यूनिट खून की कमी से चारू की डाक्टरों की घोर लापरवाही से जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में आईएमए प्रदेश अध्यक्ष डा पीके अग्रवाल. डा दीपा सक्सेना, डा. पाठक और एक अन्य डाक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

रविवार की रात स्वजनों ने किया था जमकर हंगामा

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रविवार को चारू की मौत होने के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया था। कमला नर्सिंग होम के पास ही रास्ता जाम कर दिया था। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने हस्तक्षेप करके मामले को शांत कराया था। 

इन धाराओं में दर्ज की गई है रिपोर्ट

पुलिस ने मुकेश आहूजा की तहरीर पर जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) की धारा 106 (1) इस मामले में पांच साल की सजा का प्रावधान है। लेकिन डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगता है तो इस मामले में कम से कम दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान इस धारा में है। पहले इसके स्थान पर 304ए आईपीसी मेें यह मामला दर्ज किया जाता था। 

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