शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
सहकारी सोसायटी के सचिव दिनेश मिश्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उनका परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। मृतक की पत्नी मंजू मिश्रा आरोप है कि उनके पति की हत्या कर शव को फांसी पर लटकाया गया। घटना शाहजहांपुर जनपद के गढ़िया रंगीन थाना क्षेत्र के एक गोदाम में हुई, जहां दो दिन पूर्व दिनेश मिश्रा का शव फंदे से लटका मिला था। परिवार का कहना है कि उन्होंने पहले ही पुलिस को संभावित खतरे की जानकारी दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मामले में खाद माफिया समेत कई लोगों पर साजिश के तहत हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
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मंत्री और अफसरों की चुप्पी पर उठे सवाल
परिजनों का कहना है कि घटना के बाद जिले के बड़े नेता और अधिकारी पोस्टमार्टम से पहले तक जांच कराने की बात कर रहे थे, लेकिन अब कोई भी उनकी सुनवाई करने को तैयार नहीं है। मृतक सचिव के परिजनों को सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के भाई व जिला सहकारी बैंक के सभापति डीपीएस राठौर ने न्याय का भरोसा दिया था। बावजूद इसके पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया। पीड़ित परिवार ने 25 मार्च को पुलिस अधीक्षक से मिलकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की।
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परिवार का सीधा आरोप, पुलिस की लापरवाही
परिजनों का कहना है कि दिनेश मिश्रा को खाद माफिया तथा अन्य लोगों ने लगातार धमकियां दी थीं। इसके अलावा, दो साल पहले पवन उर्फ भोले नामक व्यक्ति से मुकदमेबाजी चल रही थी, जो लगातार राजीनामा करने का दबाव बना रहा था। मृतक ने अपनी पत्नी को यह भी बताया था कि कुछ लोग उधारी के पैसे नहीं लौटा रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। इसके बावजूद पुलिस ने कोई सुरक्षा नहीं दी और अब मामले में लीपापोती की जा रही है।
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एसपी ने दिया जांच का आश्वासन, परिजनों को न्याय की उम्मीद
परिजनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें शक नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि दिनेश मिश्रा की हत्या की गई है। हालांकि, पुलिस अभी इसे संदिग्ध मौत मानकर जांच कर रही है। शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। लेकिन पीड़ित परिवार को अब भी डर है कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में जांच को कमजोर किया जा सकता है। परिजनों ने मुख्यमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों तक न्याय की गुहार लगाने की बात कही है।
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शाहजहांपुर के जैतीपुर क्षेत्र के जौरा गांव में करीब दो साल पहले सहकारी समिति के सचिव दिनेश मिश्रा पर हमला कर 50 हजार रुपये लूटने की घटना हुई थी। घटना बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे की थी, जब सचिव गोदाम खोल रहे थे। तभी गांव के अरुण कुमार और नाहर सिंह वहां पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया, जिससे सचिव घायल हो गए थे। हमलावरों ने बैग से 50 हजार रुपये, सरकारी दस्तावेज और मोबाइल छीन लिया था, साथ ही वितरण मशीन भी तोड़ दी थी। शोर सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हुए, तो आरोपी फरार हो गए थे। दिनेश मिश्रा ने पुलिस में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर आरोपियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि आरोपी जबरन खाद ले जाते थे और बड़ी रकम बकाया थी।
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