शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
इलाज में लापरवाही बरतने पर प्रसव के बाद शिक्षिका की मौत के बादआईएमए प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर पीके अग्रवाल समेत चार डाक्टरों पर रिपोर्ट दर्ज होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार को डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल ने एसपी से मुलाकात कर रिपोर्ट रद्द कराने की मांग की। वहीं व्यापार मंडल भी डाक्टरों के पक्ष में आ गए और एसपी से मिलकर निष्पक्ष जांच की मांग की।
बता दें कि रविवार की रात रिपोर्ट दर्ज होने के मामला तेजी से उठने लगा। डाक्टर पीके अग्रवाल आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष हैं। जबकि डाक्टर दीपा सक्सेना, डा.पाठक और एक अन्य डाक्टर नामजद हैं। इस प्रकरण में एक दिन पहले पंजाबी महा सभा भी डाक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर चुकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई आगे बढ़ाने की पुलिस बात कर रही हैं। वहीं कुछ लोग वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से हस्तक्षेप के लिए भी प्रयासरत हैं। ताकी मामला यहीं निपट जाए।
यह था मामला: मृत शिक्षिका को वेंटिलेटर पर रखने का है आरोप
शिक्षिका चारू आहूजा पत्नी मयंक चढ्ढा निवासी लक्ष्मीनगर कालोनी गोला जिला लखीमपुर खीरी जोकि पुवायां के कंपोजिट स्कूल भटपुरा चंदु में तैनात थीं। 20 अप्रैल को रात करीब एक बजे आपरेशन के द्वारा पुत्री को जन्म दिया था। इसके बाद चारू को वार्ड एक में एडमिट किया गया। आरोप है कि चारू को शौच करने में दिक्कत थी। लेकिनडा. दीपा सक्सेनाने कोई गौर नहीं किया। जब चारू की हालत ज्यादा गंभीर हो गई तब डा. पाठक और डा. पीके अग्रवाल व अन्य डाक्टरों के साथ आईसीयू में वेंटीलेटर पर रख दिया। इसके बाद चारू की रात में आठ बजे मृत्यु हो गई। इसके बाद डा दीपा सक्सेना स्वयं कमला नर्सिंग होम पर लेकर पहुंचीं। आरोप है कि चारू की तबियत आपरेशन से पहले बिल्कुल ठीक थी। बार बार कहने के बाद डा. दीपा कोई बीमारी का बहाना बनाती रहीं। करीब चार यूनिट खून की कमी से चारू की डाक्टरों की घोर लापरवाही से जान चली गई। पुलिस ने इस मामले में आईएमए प्रदेश अध्यक्ष डा पीके अग्रवाल. डा दीपा सक्सेना, डा. पाठक और एक अन्य डाक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।