पाचन तंत्र है ‘शरीर का रिंगमास्टर', जानें कैसे रखें इसे स्वस्थ– डॉक्टरों और योग विशेषज्ञ की राय
29 मई को मनाया जाने वाला विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस हमें पाचन तंत्र की अहमियत का अहसास कराता है। आइए जानते हैं शहर डॉक्टरों की राय और कुछ सरल उपाय जो आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाएंगे।
हर साल 29 मई को विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह दिन उस अंग को समर्पित है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं पाचन तंत्र। यह सिर्फ भोजन को ऊर्जा में नहीं बदलता बल्कि बीमारियों से हमारी रक्षा भी करता है। यही वजह है कि विशेषज्ञ इसे शरीर का दूसरा मस्तिष्क और रिंगमास्टर भी कहते हैं।
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
डॉ. राजेंद्र आयुर्वेद विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज कहते हैं आयुर्वेद में पाचन तंत्र को 'अग्नि' कहा गया है, जो शरीर की संपूर्ण कार्यप्रणाली का आधार है। यदि जठराग्नि ठीक है तो शरीर में रोग टिक नहीं सकते। ताज़ा, हल्का, सुपाच्य भोजन और त्रिफला, अदरक, जीरा, सौंफ जैसे घरेलू उपाय पाचन को मजबूत करने में बेहद कारगर हैं। वे आगे कहते हैं दिनचर्या और ऋतुचर्या का पालन करने से पाचन तंत्र लंबे समय तक स्वस्थ बना रह सकता है।
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एक वैश्विक सर्वेक्षण में पाया गया कि 40% आबादी पाचन विकारों से प्रभावित है, जबकि एक भारतीय सर्वे के मुताबिक 56% परिवारों में पाचन समस्याएं आम हो गई हैं। खासतौर पर 25-45 वर्ष की उम्र की महिलाओं में यह समस्या अधिक देखी जा रही है।
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योग आंतरिक संतुलन की कुंजी
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योग विशेषज्ञ डॉ अवधेश मणि त्रिपाठी बताते हैं पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए नियमित रूप से कुछ योगासनों और प्राणायाम का अभ्यास करना बेहद जरूरी है। पवनमुक्तासन, भुजंगासन, वज्रासन, अनुलोम-विलोम जैसे आसन और क्रियाएं पाचन को गति देने के लिए बेहद असरदार हैं। वे कहते हैं दिन में 12 बजे शाम को 8 बजे से पहले खाना खा लेना चाहिए। खाने के बाद कम से कम 5 मिनट वज्रासन में बैठना एक आदत बना लें इससे गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।
पाचन तंत्र क्यों है महत्वपूर्ण?
यह भोजन को ऊर्जा, विकास और कोशिका मरम्मत के लिए जरूरी पोषक तत्वों में तोड़ता है।
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यह सबसे बड़ा प्रतिरक्षा अंग है, जो संक्रमण और रोगों से बचाव करता है।
इसमें एंटरिक नर्वस सिस्टम होता है, जो मस्तिष्क की तरह कार्य करता है।
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए अपनाएं ये उपाय
संतुलित आहार लें – भोजन समय पर करें, देर रात के भोजन से बचें।
ध्यानपूर्वक खाएं – टीवी या मोबाइल के सामने खाना खाने से बचें।
चबाकर खाएं – हर निवाले को अच्छी तरह चबाएं ताकि लार के एंजाइम पाचन प्रक्रिया शुरू कर सकें।
पर्याप्त पानी पिएं – दिनभर हाइड्रेट रहना बेहद जरूरी है।
भोजन के बाद टहलें – हल्की फुल्की वॉक पाचन को बेहतर बनाती है।
प्रोबायोटिक आहार लें – दही, छाछ, अचार आदि से आंतों की सेहत सुधरती है।
तनाव से बचें – मानसिक तनाव सीधे पाचन क्रिया को प्रभावित करता है।
बुरी आदतों से दूरी – धूम्रपान, अत्यधिक शराब और अनियमित खानपान पाचन को नुकसान पहुंचाते हैं।
कोविड काल का असर
कोविड महामारी के दौरान पाचन समस्याएं और भी बढ़ गईं। घर में रहकर लोगों ने ज्यादा खाया, मसालेदार और तले-भुने भोजन की मात्रा बढ़ गई। सोने और खाने का समय बिगड़ गया, जिससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं सामान्य हो गईं।