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एड्स की जांच करती महिलाये Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )
शाहजहांपुरवाईबीएनसंवाददाता
जनपद में एड्स (HIV/AIDS) मरीजों की संख्या साल दर बढ़ती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इस बढ़ती समस्या के पीछे अज्ञानता, अशिक्षा मुख्य वजह मानी जा रही हैं। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग जन जागरुकता के लिए जो प्रसार प्रसार कर रहा है वह हवा में होता दिखाई दे रहा है। नतीजतन बढ़ते एड्स संक्रमित दूसरों के लिए चिंता का विषय बन रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इस पर जल्दी ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। बता दें कि 18 मई को पूरी दुनिया जहां विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मना रही है, तो वहीं शाहजहांपुर की एड्स संक्रमितों की बढ़ती संख्या चौंकाने वाली है।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि शाहजहांपुर में एड्स के मरीजों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 2025 के चार महीनों मे जिले मे 51 एड्स के नए मामले सामने आए हैं। इनमें से अधिकांश मरीजों की उम्र 20 से 40 वर्ष के बीच है, जो कि युवा और प्रजनन योग्य वर्ग है। यह स्पष्ट संकेत है कि युवा वर्ग में सुरक्षित यौन संबंधों की जानकारी का अभाव है।अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लोग HIV के बारे में सही जानकारी नहीं रखते। अनेक लोग सुरक्षित यौन व्यवहार के महत्व को नहीं समझते और इस कारण से वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है। इसके अलावा, कई लोग इस बीमारी को लेकर सामाजिक कलंक का सामना करने से डरते हैं और इसलिए समय पर इलाज नहीं करवाते, जिससे बीमारी और गंभीर हो जाती है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस बढ़ते संकट को गंभीरता से लिया है और इसके समाधान के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। जिले में एड्स के प्रति जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, और हेल्थ कैम्प्स का आयोजन भी किया जा रहा है ताकि लोग HIV के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, संक्रमित लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा भी दी जा रही है ताकि वे जल्दी से जल्दी उपचार करवा सकें।
यह महत्वपूर्ण है कि समाज में एड्स को लेकर भ्रांतियां और मिथक दूर किए जाएं, ताकि लोग सही जानकारी से इस बीमारी से बचाव कर सकें और इसके प्रसार को रोका जा सके। शिक्षा, जागरूकता और समय पर इलाज के जरिए ही इस गंभीर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
शाहजहांपुर में एड्स के मरीजों की संख्या
* साल | शाहजहांपुर में एड्स के मरीजों की संख्या* |
2015 | 19 |
2016 | 22 |
2017 | 39 |
2018 | 37 |
2019 | 46 |
2020 | 26 |
2021 | 38 |
2022 | 38 |
2023 | 59 |
2024 | 77 |
2025 में 4 महीनों में ही | 51 संक्रमित |
HIV की जांच निःशुल्क, मेडिकल कॉलेज में सुविधाएं उपलब्ध
माहवारी सिंह यादव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में HIV की जांच निःशुल्क की जाती है। यह जांच सुविधा कमरा संख्या 13, 14, 15 में उपलब्ध है, जहाँ लोग बिना किसी शुल्क के अपनी HIV जांच करवा सकते हैं। इस जांच के लिए किसी प्रकार का कोई भी पैसा नहीं लिया जाता। यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है और कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से इस जांच को करवा सकता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है, ताकि HIV संक्रमण को समय पर पहचाना जा सके और उचित इलाज लिया जा सके।
एड्स एचआईवी पॉजिटिव के लक्षण क्या हैं?
एचआईवी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं? ज्यादातर मामलों में एचआईवी एड्स में कम समय के लिए फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव होता है, जो संक्रमण होने के 2-6 सप्ताह में दिखते हैं। उसके बाद यह भी हो सकता है कि कई सालों तक कोई लक्षण न दिखे। यह पाया गया है कि एचआईवी संक्रमित 80% लोगों में फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं। कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित है:-
- बुखार
- ठंड लगना
- गले में खरास
- मांसपेशियों में दर्द
- शरीर पर चकत्ते होना
- रात को पसीना आना
- थकान होना
- ज्वाइंट पेन
- ग्रंथियों में सूजन
वैसे एड्स के लक्षण महिलाओं और पुरुषों, दोनों में अलग-अलग होता हैं। आइए जानते हैं, दोनों में होने वाले भिन्न लक्षण कौन से हैं:-
महिलाओं में एड्स के लक्षण
- पीरियड्स साइकिल में बदलाव होना।
- अचानक वजन कम होना और भूख कम लगना
- पेट में समस्या बने रहना
- बुखार रहना
- लिंफ नोड्स में सूजन होना
- शरीर मे लाल चकत्ते होना
पुरुषों में एचआईवी के लक्षण
- टेस्टिकल्स में दर्द महसूस होना
- प्रोस्टेट ग्लैंड में सूजन
- पेनिस एरिया में सूजन
- इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
- इनफर्टिलिटी की समस्या
- रेक्टम और टेस्टिकल्स की थैली में दर्द
- हाइपोगोनैडिज्म के लक्षण महसूस होना
एचआईवी संक्रमण की रोकथाम कैसे करें?
एचआईवी एक वायरल संक्रमण हैं, जिसे कुछ बातों का ध्यान रखकर फैलने से रोका जा सकता है। कुछ दिशानिर्देशों का पालन कर के आप एचआईवी संक्रमण को फैलने से रोक सकते हैं:-
- किसी दूसरे की इस्तेमाल की हुई सिरिंज/इंजेक्शन का इस्तेमाल न करें। अपनी इंजेक्शन का इस्तेमाल करने के बाद फेक दें।
- यौन संबंध बनाते समय कंडोम का प्रयोग करें और सही से निपटान करें।
- यदि कोई प्रेग्नेंट महिला संक्रमित है तो बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए उसका इलाज किया जाना चाहिए।
- समलैंगिक संबंध - पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों को एचआईवी एड्स का खतरा ज्यादा होता है।
- इंजेक्शन द्वारा नशा करने वाले लोग - जो लोग इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं को ग्रहण करते हैं, उन्हें एचआईवी एड्स का खतरा ज्यादा होता है।
- महिलाएं - संक्रमित साथी के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से महिलाओं में यह सबसे आम कारण है