शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता ।खुटार ब्लॉक के ग्राम नवदिया नवाजपुर की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पिछले दो वर्षों से डॉक्टर विहीन स्थिति में संचालित हो रही है। इस स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल है और न तो यहां इलाज की समुचित सुविधा है और न ही जांच की कोई व्यवस्था। परिणामस्वरूप, ग्रामीणों को छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी खुटार या शाहजहांपुर के अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है।बृहस्पतिवार सुबह जब साढ़े नौ बजे स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया गया, तो वहां फार्मासिस्ट सुरेश चंद्र वर्मा मरीजों को देख रहे थे। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए जो अस्पताल बनाया गया था, वहां तैनात चिकित्सक दो साल पहले पीजी कोर्स के लिए गए थे, लेकिन अब तक वापस नहीं लौटे। हैरानी की बात यह है कि संबंधित अधिकारियों ने इस पीएचसी में किसी अन्य डॉक्टर की तैनाती की जरूरत तक नहीं समझी।
स्थिति इतनी खराब है कि यहां न तो लैब टेक्नीशियन है और न ही जांच की कोई मशीन या किट मौजूद हैं। ऐसे में मरीजों को खून, पेशाब, शुगर जैसी सामान्य जांच के लिए भी दूर जाना पड़ता है। इससे गरीब और बुजुर्ग मरीजों को सबसे अधिक परेशानी होती है।अस्पताल भवन की हालत भी चिंताजनक है। छत का प्लास्टर कई जगहों से टूटकर गिर चुका है, जिससे कभी भी दुर्घटना हो सकती है। दीवारों में सीलन और शौचालय में भारी गंदगी देखने को मिली। परिसर में चारों ओर झाड़ियाँ और खरपतवार उगी हुई हैं। नालियों की वर्षों से सफाई नहीं हुई है, जिससे बदबू और संक्रमण का खतरा बना हुआ है।ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस पीएचसी में डॉक्टर की नियुक्ति की जाए, लैब सुविधा बहाल की जाए और परिसर की साफ-सफाई कराकर इसे एक सक्रिय स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो यह पीएचसी केवल एक जर्जर इमारत बनकर रह जाएगी।
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