शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । वृंदावन कॉलोनी में क्लब निर्माण को लेकर चला आ रहा विवाद शुक्रवार को उस समय उबाल पर पहुंच गया जब भाजपा नेता और उद्योगपति विनय अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इसके बाद कॉलोनीवासियों और समर्थकों में गुस्सा फूट पड़ा। सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में कॉलोनीवासी कोतवाली पहुंच गए और कॉलोनाइज़र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान कोतवाल अश्विनी कुमार ने तहरीर का अवलोकन किया और उच्चाधिकारियों से चर्चा की। जब कार्रवाई में देरी हुई तो विनय अग्रवाल के समर्थक भी कोतवाली पहुंच गए और गेट पर ही धरना शुरू कर दिया। इसी बीच विनय अग्रवाल भी खुद कोतवाली के बन्दीगृह में जाकर बैठ गए। माहौल गर्माता देख सीओ सदर प्रयांक जैन मौके पर पहुंचे और बात करने के लिए प्रदर्शनकारियों को भीतर बुलाया गया।
अधिकारियों को रोका, गर्माया माहौल
स्थिति नियंत्रण में लाने पहुंचे ट्रैफिक सीओ प्रवीण मलिक व सदर कोतवाल अरविंद सिंह को आक्रोशित महिलाओं ने कोतवाली के अंदर जाने से रोक दिया। हालांकि बाद में किसी तरह वे भीतर जा सके। चौंकाने वाली बात यह रही कि धरना देने वालों में अधिकतर भाजपा समर्थक ही शामिल थे जो खुद की ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। दिनभर की उठा-पटक के बावजूद कोई बड़ा भाजपा नेता मौके पर नहीं पहुंचा। पार्षद प्रदीप सक्सेना, हिंदूवादी नेता अग्निवेश गुप्ता और देर शाम पार्षद दिवाकर मिश्रा सहित कुछ आरएसएस कार्यकर्ता जरूर मौके पर मौजूद रहे शाम तक धरने में शामिल लोग थक चुके थे, लेकिन जमे रहे। अंततः रात करीब 8 बजे अमित सिंघल, रोहित सिंघल और रवि गोयल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमे की कॉपी मिलते ही विनय अग्रवाल कोतवाली से बाहर आए और धरना समाप्त करने की घोषणा की। समर्थकों ने इसे अपनी जीत बताया। पूरे दिन चले धरने को देखते हुए कोतवाली पर पुलिस बल की भारी तैनाती रही। अधिकारी स्थिति को संभालते रहे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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