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Shahjahanpur News:पति के तानों से तंग आकर मां ने बेटे संग खाया जहर, हालत स्थिर

शाहजहांपुर के थाना रोजा क्षेत्र स्थित बरनई गांव में पारिवारिक कलह के चलते एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने आठ वर्षीय बेटे के साथ जहरीला पदार्थ खाकर लिया

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Harsh Yadav
मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॉलेज Photograph: (वाईबीएन )

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । जनपद के थाना रोजा क्षेत्र स्थित बरनई गांव में पारिवारिक कलह के चलते एक ह्रदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने आठ वर्षीय बेटे के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। दोनों को गंभीर हालत में राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों की सघन निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। फिलहाल, मां और बेटे दोनों की हालत स्थिर और खतरे से बाहर बताई जा रही है।
बरनई गांव निवासी सूरज खेती-बाड़ी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। उसके परिवार में पत्नी पूजा और दो बेटे – दस वर्षीय सिद्धांत और आठ वर्षीय आयुष – हैं। बताया जा रहा है कि बच्चों के बार-बार बीमार पड़ने और उनके इलाज में होने वाले खर्च को लेकर सूरज अक्सर अपनी पत्नी पूजा को ताने मारता था। इन तानों से पूजा मानसिक रूप से बेहद परेशान रहने लगी थी।

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रविवार शाम को सूरज अपने बड़े बेटे सिद्धांत के साथ घर से बाहर गया हुआ था। इसी दौरान, पूजा ने पहले खुद जहरीला पदार्थ का सेवन किया और फिर अपने छोटे बेटे आयुष को भी खिला दिया। कुछ ही देर में मां-बेटे दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी, जिससे आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। पड़ोसियों की मदद से तत्काल उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।अस्पताल में भर्ती पूजा ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि बच्चों की लगातार बिगड़ती तबीयत और इलाज के खर्च को लेकर पति के ताने उसे भीतर से तोड़ चुके थे। उसने बताया कि उसका पति अक्सर यह कहकर ताना मारता था कि "तेरे ही बच्चे हर वक्त बीमार रहते हैं, खर्चा ही खर्चा है।" इन बातों से वह इतनी टूट चुकी थी कि उसने जीने की हिम्मत खो दी थी और यह घातक कदम उठाने का फैसला कर लिया।मामले की जानकारी मिलते ही थाना रोजा पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पूरी घटना की गहन छानबीन की जा रही है। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मां और बेटे दोनों की हालत स्थिर बताते हुए उन्हें खतरे से बाहर घोषित किया है, जिससे परिवार और पुलिस दोनों ने राहत की सांस ली है। यह घटना पारिवारिक विवादों के गंभीर परिणामों को उजागर करती है और समाज में मानसिक स्वास्थ्य सहायता की आवश्यकता पर जोर देती है।

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