शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जनपद के खुटार थाना क्षेत्र के गांव रामपुर कलां से एक पीड़ित परिवार पलायन कर गया है। परिवार का आरोप है कि छह महीने पहले गांव के दबंगों ने उनके साथ मारपीट की थी, जिसकी रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, जिससे उन्हें इंसाफ नहीं मिला और वे गांव छोड़ने को मजबूर हो गए।पीड़ित बबलू ने बताया कि 26 अक्टूबर, 2024 की शाम करीब पांच बजे गांव के ही सोनपाल उर्फ सोनू, वीरेंद्र, सुभाष, मुनेश बाबू, रामकुमार, शिवकुमार, शैलेंद्र, अंकित और राकेश उर्फ मोनू नाजायज तमंचा, लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस होकर अचानक उनके घर में घुस आए थे। हमलावरों ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरे और घरेलू सामान को तोड़ना शुरू कर दिया था।बबलू की पत्नी मधु और उनके भाई अजय की पत्नी सोनी ने जब विरोध किया, तो हमलावरों ने उनके साथ भी मारपीट की और अभद्रता की। आरोप है कि हमलावर सोनू ने मधु को जान से मारने की नीयत से बांके से हमला किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई और वह लहूलुहान हो गईं।
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चीख-पुकार सुनकर बबलू, उनके भाई अजय अग्निहोत्री, पिता रामगोपाल, बेटे नैतिक और भाभी डाली (संजय की पत्नी) बीच-बचाव करने आए, तो हमलावरों ने उन पर भी जानलेवा हमला कर दिया, जिससे बबलू और अन्य परिजन बुरी तरह से घायल हो गए थे। हमलावरों ने घटना का वीडियो बना रहे बबलू के बेटे नैतिक से उसका मोबाइल फोन और जेब में रखे एक हजार रुपये भी लूट लिए थे। इसके बाद हमलावर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए थे।घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को खुटार सीएचसी में भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने सभी को जिला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया था। पुलिस ने पीड़ित बबलू की तहरीर के आधार पर नौ आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी।
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हालांकि, घटना को करीब छह महीने बीत जाने के बावजूद पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोपियों से मिले होने की आशंका जताई है, जिसके कारण रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।बबलू ने बताया कि रविवार को उनके भाई अजय अग्निहोत्री उर्फ लालू, उनकी पत्नी सोनी, बेटी चिंकी और भाभी हरियाली गांव से पलायन कर गए। उनके भाई ने घर का सारा सामान पिकअप में भरकर खुटार लेकर चले गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब उन्हें अपने ही घर में सुरक्षा और न्याय नहीं मिल रहा है, तो उनके पास पलायन करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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