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मौसमः सितंबर में सामान्य से अधिक वर्षा के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया ओरेंज अलर्ट

अगस्त में औसम से कम तापमान रहा। अब सितंबर माह में सामान्य से अधिक वर्षा होगी। मौसम विज्ञानियों ने यह संभावना जताई है। पश्चिमी विक्षोभ तथा अनुकूल सिनाप्टिक परिस्थितियों के परिणामस्वरुप दो सितंबर तक भारी वर्षा होने की संभावना है|

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Narendra Yadav
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आसमान मे छाए काले बादल Photograph: (google)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः अगस्त माह में सामान्य औसत वर्षा के सापेक्ष दो प्रतिशत अधिक वर्षा का आंकडा दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों ने अब सितंबर माह में भी सामान्य औसत से अधिक वर्षा की संभावना जताई है। यही नहीं दो सितंबर तक को भारी वर्षा का अलर्ट जारी कर दिया गया है। इससे बाढ के भी आसार प्रबल हो सकते हैं। 

अगस्त में 241.2 मिमी वर्षा, बिजनौर में 48 प्रतिशत अधिक 

राज्य कृषि मौसम केंद्र की ओर से रविवार को 31 अगस्त की वर्षा का आंकडा जारी किया गया है। साथ ही सितंबर माह में भी अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम केंद्र के राज्य प्रभारी डा अतुल सिंह ने बताया कि अगस्त माह के दौरान बने 4 निम्नदाब क्षेत्रों व 5 सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों में से 3 की पारस्परिक प्रतिक्रिया के प्रभाव से अगस्त माह में प्रदेश में 235.5 मिमी के दीर्घावधि औसत के सापेक्ष 2 प्रतिशत अधिक कुल 241.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई| इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सर्वाधिक 636.5 मिमी के साथ औसतन 237.6 मिमी (+4%) वर्षा हुई। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद में सर्वाधिक 417.9 मिमी के साथ 243.6 मिमी (+1%) बारिश दर्ज की गई। मानसून ऋतु के दौरान अब तक प्रदेश में कुल 593.1 मिमी के दीर्घावधि औसत के सापेक्ष 2% कम कुल 579.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 623.4 मिमी यानी 14% अधिक वर्षा दर्ज हुईं है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 548.4 मिमी वर्षा का आंकडा दर्ज किया गया, जो कि सामान्य औसत से 12% कम है। डा अतुल सिंह ने बताया कि 12 प्रतिशत कम वर्षा को भी सामान्य श्रेणी में गेिना जाता है। उन्होंने बताया कि यूपी के बिजनौर जनपद में सर्वाधिक 1097.4 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई, जो कि 48 प्रतिशत अधिक है। 

सितंबर माह हो सकती आफत की बारिश 

मौसम विज्ञानी ने सितंबर माह में अधिक वर्षा होने के कारण भी बताए। कहा कि मानसून मिशन युग्मित जलवायु माडल से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार प्रचलित तटस्थ निनो एवं हिंद महासागरीय द्विध्रुव परिस्थितियों के मानसून उत्तरार्द्ध ऋतु के दौरान अस्थायी रूप से नकारात्मक फेज में प्रवेश करने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत सितंबर महीने के दौरान प्रदेश के अधिकांश भाग में औसत मासिक वर्षा की संभावना है। स्पष्ट किाय प्रदेश के पूर्वोत्तर भाग के कुछ अंचलों में यह सामान्य से कम रहने की संभावना है। परिणामस्वरूप पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहेगा। वही पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य के आसपास रहने की संभावना है। न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक रह सकता है। 

इसलिए होगी अधिक वर्षा, जानिए कारण 

राज्य कृषि मौसम केंद्र के विज्ञानी डा अतुल सिंह ने बताया कि उत्तरी पाकिस्तान एवं संलग्न पंजाब के ऊपर मध्य से ऊपरी क्षोभमंडल तक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में विस्तृत पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव बना हुआ है। इस कारण मानसून द्रोणी के सम्भावित उत्तरी विचलन से प्रदेश में मानसून प्रवाह सुदृढ़ हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के साथ प्रतिक्रिया एवं अन्य अनुकूल परिस्थितियों के कारण सितंबर माह के आरम्भिक चरण में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। बताया दो सितंबर तक भारी वर्षा होने के संकेत मिले है। इसलिए दो सितंबर ो ओरेंज अलर्ट पर रखा गया है। एक सितंबर को हल्की से मध्यम वर्षा के आसार है, इसलिए YELLOW WARNING जारी की गई है।

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