नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: दुनिया के दो प्रमुख क्रिकेट बोर्ड भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (
BCCI) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने सऊदी अरब द्वारा प्रस्तावित एक नई वैश्विक टी20 लीग को समर्थन न देने का फैसला किया है। यह फैसला क्रिकेट के मौजूदा टी20 टूर्नामेंटों को कमजोर होने से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है। ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में लॉर्ड्स में आयोजित वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के दौरान बीसीसीआई और ईसीबी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जहां दोनों बोर्डों ने इस नई लीग का विरोध करने और उसमें अपने खिलाड़ियों को खेलने से रोकने पर सहमति जताई।
एनओसी नहीं देंगे बीसीसीआई और ईसीबी
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों बोर्ड इस बात पर सहमत हुए हैं कि वे अपने खिलाड़ियों को सऊदी टी20 लीग में भाग लेने के लिए आवश्यक 'अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)' नहीं देंगे। यही नहीं, दोनों
बोर्ड आईसीसी से भी आग्रह करेंगे कि वह इस लीग को किसी प्रकार का समर्थन न दे। इस कदम को वैश्विक क्रिकेट पर नियंत्रण बनाए रखने और घरेलू लीगों की आर्थिक स्थिरता बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सऊदी अरब का बड़ा निवेश और ग्रैंड स्लैम जैसा फॉर्मेट
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब की ओर से SRJ Sports Investments नामक समूह इस नई
टी20 लीग में करीब 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने को तैयार है। योजना के अनुसार, इसमें हर साल आठ टीमें चार अलग-अलग लोकेशनों पर टूर्नामेंट खेलेंगी, ठीक वैसे ही जैसे टेनिस के ग्रैंड स्लैम होते हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया दिखा रुचि, निजी निवेश की तलाश
जहां बीसीसीआई और ईसीबी इस लीग के खिलाफ खड़े हैं, वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) इस परियोजना में सऊदी निवेशकों के साथ साझेदारी के लिए इच्छुक नजर आ रहा है। इसका कारण है CA का निजी निवेशकों से लाभ कमाने का प्रयास, क्योंकि बिग बैश लीग (BBL) की फ्रेंचाइजी का स्वामित्व अभी भी शासी निकाय और राज्यों के पास है।
आईपीएल और अन्य लीग्स का आर्थिक दबदबा
वर्तमान में आईपीएल का अनुमानित मूल्य लगभग 12 बिलियन डॉलर है, जबकि ECB अपने टूर्नामेंट ‘द हंड्रेड’ की फ्रेंचाइजी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर करीब 700 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बना रहा है। वहीं, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (CSA) ने पहले ही अपनी लीग SA20 की फ्रेंचाइजी IPL मालिकों को बेचकर 136 मिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी अर्जित की है। ‘द गार्जियन’ के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) में इस समय बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह का प्रभाव है, ऐसे में इस परियोजना पर बीसीसीआई की मंशा के विरुद्ध ICC के जाने की संभावना बेहद कम है।