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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। एशिया कप का आयोजन पहली बार 1984 में किया गया था, तब इस टूर्नामेंट का नाम Rothmans Asia Cup हुआ करता था। उस समय बांग्लादेश, अफगानिस्तान जैसी टीम नहीं हुआ करती थीं। इस टूर्नामेंट के सारे मैच यूएई के शारजाह स्टेडियम में ही खेले गए। एशिया कप में केवल तीन टीमें भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने भाग लिया और केवल तीन मैच ही खेले गए थे। एशिया कप का फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच 13 अप्रैल को शारजाह स्टेडियम में खेला गया । सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारत ने यह मैच 54 रनों से अपने नाम किया।
पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच हुआ पहला मैच
एशिया कप का पहला मैच पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच 6 अप्रैल को शारजाह स्टेडियम में खेला गया। 46 ओवर के इस मैच में श्रीलंका के कप्तान दलीप मेंडिस ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान 187 रन बनाए। टीम की तरफ से कप्तान जहीर अब्बास ने सर्वाधिक 47 रनों की पारी खेली। वहीं, गेंदबाजी में अर्जुन रणतुंगा ने तीन विकेट लिए। इसके बाद बैटिंग करने आई श्रीलंकाई टीम ने यह लक्ष्य 44 ओवर में 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। श्रीलंका की तरफ से रॉय दास ने 95 गेंदों में 57 रनों की पारी खेली।
8 अप्रैल को दूसरे मुकाबले में भिड़े भारत-श्रीलंका
एशिया कप 1984 का दूसरा मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच हुआ। कप्तान सुनील गावस्कर ने टॉस जीतकर श्रीलंका को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। टीम 41 ओवर में 96 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। रंजन मेडुगाले को छोड़कर कोई भी श्रीलंकाई खिलाड़ी नहीं चल सका। रंजन ने 76 गेंदों में 38 रनों की पारी खेली। भारत की तरफ से चेतन शर्मा और मदन लाल ने 3-3, जबकि मनोज प्रभाकर ने 2 और रवि शास्त्री ने एक विकेट लिया। भारत ने 97 रनों के इस लक्ष्य को बौना साबित करते हुए महज 22 ओवर में बिना कोई विकेट खोकर जीत दर्ज की। सुरिंदर खन्ना ने 51 और गुलाम पारकर ने 32 रनों की पारी खेली।
आखिरी मैच में पाकिस्तान को दी 54 रनों से मात
एशिया कप 1984 का तीसरा और अंतिम मुकाबला 13 अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 46 ओवर में 4 विकेट पर 188 रन बनाए। ओपनर सुरिंदर खन्ना ने शानदार 56 रन बनाए, जबकि संदीप पाटिल (43) और कप्तान सुनील गावस्कर (नाबाद 36) ने अहम योगदान दिया। जवाब में पाकिस्तान की टीम 39.4 ओवर में 134 रन पर ढेर हो गई और भारत ने यह मैच 54 रन से जीत लिया। गेंदबाजी में रवि शास्त्री और रोजर बिन्नी ने तीन-तीन विकेट झटके, वहीं चार पाकिस्तानी बल्लेबाज रन आउट हुए।
विकेटकीपर सुरिंदर खन्ना बने जीत के हीरो
पाकिस्तान पर शानदार जीत के साथ भारत ने एशिया कप 1984 का खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट में कुल तीन मुकाबले खेले गए, जिसमें भारत ने दो मैच जीतकर शीर्ष स्थान हासिल किया। श्रीलंका को एक जीत मिली, जबकि पाकिस्तान कोई भी मैच नहीं जीत सका। भारतीय विकेटकीपर सुरिंदर खन्ना टूर्नामेंट के हीरो रहे, जिन्होंने सबसे अधिक 107 रन बनाए और 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए। वहीं, भारत के रवि शास्त्री सबसे सफल गेंदबाज रहे, जिन्होंने 4 विकेट अपने नाम किए।