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गौतम गंभीर कर रहे 'इंजरी रिप्लेसमेंट' की वकालत, स्टोक्स ने बताया 'हास्यास्पद'

पंत की गैरमौजूदगी में भारत ने विकेटकीपिंग के लिए ध्रुव जुरेल को सब्स्टीट्यूट के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन नियमों के मुताबिक वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे। गंभीर ने अनुमति देने वाले नियम का पुरजोर समर्थन किया।

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Mukesh Pandit
Goutam Gambhir

मैनचेस्टर, आईएएनएस। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट में चोटिल खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट की वकालत की है। उनका कहना है कि अगर मैच के दौरान किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगती है, तो टीम को एक 'सब्स्टीट्यूट प्लेयर' शामिल करने की इजाजत मिलनी चाहिए। हालांकि, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इस विचार को खारिज करते हुए इसे 'हास्यास्पद' करार दिया। चौथे टेस्ट के पहले दिन मैनचेस्टर में खेले गए ड्रॉ मुकाबले में भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत को चोट लगने के बाद 'रिटायर्ड हर्ट' होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए अगली सुबह चोटिल पैर के साथ दोबारा बल्लेबाजी की। पंत ने इस पारी में अर्धशतक पूरा किया।

ध्रुव जुरेल को सब्स्टीट्यूट के रूप में इस्तेमाल किया

पंत की गैरमौजूदगी में भारत ने विकेटकीपिंग के लिए ध्रुव जुरेल को सब्स्टीट्यूट के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन नियमों के मुताबिक वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे।गंभीर ने ऋषभ पंत की बहादुरी की तारीफ करते हुए इस तरह की परिस्थितियों में टीम को रिप्लेसमेंट खिलाड़ी लाने की अनुमति देने वाले नियम का पुरजोर समर्थन किया।

पंत के लिए जितनी तारीफ की जाए, वह कम है

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गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "पंत के लिए जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। मैं पूरी तरह से इस नियम के पक्ष में हूं। अगर अंपायर्स और मैच रेफरी को लगता है कि खिलाड़ी को गंभीर चोट लगी है, तो यह नियम होना बहुत जरूरी है, खासकर जब चोट साफतौर पर दिखाई दे रही हो।"हेड कोच ने कहा, "ऐसा करने में कुछ भी गलत नहीं है, खासकर इस तरह की सीरीज में, जहां पहले तीन टेस्ट मुकाबलों में कड़ी टक्कर देखने को मिली है। सोचिए, अगर हमें 11 खिलाड़ियों के मुकाबले में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ता, तो यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण होता?"

रिप्लेसमेंट की अनुमति सिर्फ कंकशन और कोविड-19 की स्थिति में ही

वर्तमान में आईसीसी के प्लेइंग कंडीशन्स के अनुसार, रिप्लेसमेंट की अनुमति सिर्फ कंकशन और कोविड-19 की स्थिति में मिलती है।दूसरी ओर, बेन स्टोक्स ने इस विचार को हास्यास्पद बताते हुए चेतावनी दी है कि इस तरह के नियम में बहुत सारी खामियां होंगी। बेन स्टोक्स ने पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में चोटिल खिलाड़ियों के लिए रिप्लेसमेंट की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि चोट के रिप्लेसमेंट को लेकर चल रही यह पूरी बातचीत ही बिल्कुल हास्यास्पद है। इससे टीमें फायदा उठाने के लिए कई लूपहोल्स खोज लेंगी। आप एक मैच के लिए अपने 11 खिलाड़ी चुनते हैं, चोटें खेल का हिस्सा हैं। कंकशन रिप्लेसमेंट को मैं पूरी तरह समझता हूं, क्योंकि वह खिलाड़ियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा है।"

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चोट के रिप्लेसमेंट पर बातचीत यहीं खत्म होनी चाहिए

इंग्लैंड के कप्तान ने कहा, "चोट के रिप्लेसमेंट पर बातचीत यहीं खत्म होनी चाहिए। अगर मेरा एमआरआई करवाया जाए, तो मैं किसी और को तुरंत टीम में शामिल कर सकता हूं। अगर आप किसी भी गेंदबाज का एमआरआई करवाएंगे, तो वह कहेगा कि घुटने में हल्का-सा इन्फ्लेमेशन है। हम एक और नया गेंदबाज ला सकते हैं। मुझे लगता है कि इस बहस को अब बंद कर देना चाहिए।"  cricket | cricket analysis | commentary cricket | comentary cricket | Cricket Debate | cricket match | Cricket news

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