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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान भारतीय टेस्ट इतिहास में कई यादगार पलों का साक्षी रहा है, खासकर जब बात बल्लेबाजों के शानदार शतकों की आती है। यहां भारतीय खिलाड़ियों ने समय-समय पर बेहतरीन पारियां खेली हैं, जिन्होंने न सिर्फ मैच के रुख को बदला बल्कि उनके करियर में भी खास मुकाम साबित हुईं।
ओल्ड ट्रेफर्ड के शतकवीर
1990 में खेले गए मैनचेस्टर टेस्ट को भारतीय क्रिकेट फैंस कभी नहीं भूल सकते। इस मैच में भारत के दो दिग्गज बल्लेबाजों मोहम्मद अजहरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर ने अद्भुत प्रदर्शन किया। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 519 रन बनाए, जिसमें तीन बल्लेबाजों ने शतक जड़े। इसके जवाब में अजहरुद्दीन ने पहली पारी में 179 रनों की विस्फोटक पारी खेली और भारत को 432 रन तक पहुंचाया। इस मैच की खास बात यह रही कि दूसरी पारी में मात्र 17 वर्षीय सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 119 रन बनाए और भारत को हार से बचाते हुए मैच ड्रॉ कराया। यह सचिन का पहला टेस्ट शतक था, जिसने उन्हें दुनिया भर में पहचान दिलाई।
संदीप पाटिल
इससे पहले, 1982 में खेले गए टेस्ट में संदीप पाटिल ने भी मैनचेस्टर की पिच पर कमाल दिखाया। उन्होंने दूसरी पारी में नाबाद 129 रन बनाए। इंग्लैंड की पहली पारी 425 रन पर समाप्त हुई थी, लेकिन भारत ने दूसरी पारी में 379/8 का स्कोर खड़ा किया। अंतिम दिन बारिश के कारण खेल नहीं हो सका और मैच ड्रॉ रहा। इस शानदार पारी के लिए संदीप पाटिल को "प्लेयर ऑफ द मैच" चुना गया।
पॉली उमरीगर और अब्बास अली बेग
1959 के मैनचेस्टर टेस्ट में पॉली उमरीगर ने 118 और अब्बास अली बेग ने 112 रन की शतकीय पारियां खेलीं, हालांकि टीम इंडिया 171 रन से हार गई। इससे भी पहले, 1936 में भारत के दिग्गज बल्लेबाज विजय मर्चेंट ने 114 और मुश्ताक अली ने 112 रनों की बेहतरीन पारियां खेली थीं, जिससे भारत की दूसरी पारी मजबूत हुई और मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इन ऐतिहासिक पारियों ने यह साबित कर दिया कि ओल्ड ट्रैफर्ड जैसे चुनौतीपूर्ण विदेशी मैदानों पर भी भारतीय बल्लेबाजों ने आत्मविश्वास और कौशल के साथ प्रदर्शन किया है। मैनचेस्टर टेस्ट का यह इतिहास आज भी भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है।
ind vs eng sachin tendulkar