नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।भारतीय क्रिकेट इतिहास का वो सुनहरा अध्याय आज भी फैंस के जेहन में ताजा है, जब कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने 1986 में इंग्लैंड को उसी की सरजमीं पर मात देकर दूसरी बार विदेशी जमीन पर टेस्ट सीरीज जीत दर्ज की थी। यह टेस्ट सीरीज 3 मैचों की थी, जिसमें भारत ने 2-0 से शानदार जीत हासिल की।
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लॉर्ड्स में मिली थी पहली जीत
सीरीज की शुरुआत 5 जून 1986 को लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान से हुई। भारत ने इस मुकाबले में 5 विकेट से जीत दर्ज की थी। बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर ने शानदार शतक (126 रन) जड़कर मैच का रुख पलट दिया। भारत के गेंदबाजों ने इंग्लैंड को दोनों पारियों में बांधकर रखा और कपिल देव की आक्रामक कप्तानी ने टीम को जीत दिलाई।
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हेडिंग्ले में इंग्लैंड को दी करारी शिकस्त
दूसरा टेस्ट 19 से 23 जून के बीच लीड्स के हेडिंग्ले मैदान में खेला गया। इस मुकाबले में भारत ने 279 रन से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वेंगसरकर ने इस मैच में भी बेहतरीन 61 और 102 रन बनाए, जबकि रोजर बिन्नी ने पहली पारी में 5 विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। भारत ने इस जीत के साथ ही सीरीज पर भी कब्जा कर लिया।
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तीसरा टेस्ट ड्रॉ, भारत ने सीरीज 2-0 से जीती
तीसरा और अंतिम टेस्ट 3 जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला गया, जो ड्रॉ रहा। हालांकि भारत पहले ही सीरीज में अजेय बढ़त बना चुका था। इस मैच में भी भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों का बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला।
भारत के विदेशी दौरों का टर्निंग प्वाइंट बनी 1986 की सीरीज
इस जीत के बाद भारतीय टीम को विदेशी जमीन पर टेस्ट क्रिकेट में एक नई पहचान मिली। यह भारत की इंग्लैंड में दूसरी सीरीज थी। इससे पहले अजित वाडेकर की कप्तानी में भारत ने 1971 में इंग्लैंड को हराया था। इस सीरीज में भारत के सबसे सफल बल्लेबाज दिलीप वेंगसरकर रहे, जिन्होंने 360 रन बनाए और "प्लेयर ऑफ द सीरीज" चुने गए। वहीं चेतन शर्मा ने कुल 16 विकेट झटके। कपिल देव की कप्तानी की हर तरफ सराहना हुई।
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