नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज से पहले बड़ा फैसला लिया गया है। दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने पटौदी ट्रॉफी की विरासत को बनाए रखने के लिए BCCI और ECB से बातचीत की। दरअसल, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने आगामी टेस्ट सीरीज का नाम एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रखने का प्रस्ताव दिया था, जिससे क्रिकेट जगत में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। खुद सचिन तेंदुलकर ने भी इस पर आपत्ति जताई और पटौदी ट्रॉफी की परंपरा को बनाए रखने की अपील की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन तेंदुलकर के हस्तक्षेप के बाद ECB झुका और अब पटौदी ट्रॉफी से जुड़ी विरासत को जारी रखने पर सहमति बन गई है। ECB अब योजना बना रहा है कि विजेता कप्तान को मंसूर अली खान पटौदी के नाम पर विशेष पदक प्रदान किया जाए। ECB के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि इंग्लैंड-भारत टेस्ट सीरीज में पटौदी ट्रॉफी से जुड़ा सम्मान बरकरार रहेगा।
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास
पटौदी ट्रॉफी की शुरुआत 2007 में हुई थी, जब भारत ने 1932 में अपने पहले टेस्ट मैच की 75वीं वर्षगांठ मनाई थी। मंसूर अली खान पटौदी भारत के सबसे युवा टेस्ट कप्तान रहे, जिन्होंने 21 साल की उम्र में टीम की अगुवाई की थी। दिलचस्प बात यह है कि पटौदी के पिता इफ्तिखार अली खान पटौदी ने इंग्लैंड और भारत दोनों का प्रतिनिधित्व किया था।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी प्रस्ताव क्यों आया?
इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट सीरीज को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी नाम देने का प्रस्ताव इस आधार पर आया था कि दोनों ही खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट में ऐतिहासिक उपलब्धियां रखते हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम 200 टेस्ट और 15,921 रन दर्ज हैं, वहीं इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन ने 188 टेस्ट में 704 विकेट झटके हैं। हालांकि क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों का मानना था कि पटौदी ट्रॉफी की ऐतिहासिक विरासत को समाप्त करना उचित नहीं होगा।
सीरीज शेड्यूल
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 20 जून से लीड्स में शुरू होगी और अंतिम टेस्ट 31 जुलाई से ओवल में खेला जाएगा। भारत की कोशिश 2007 के बाद इंग्लैंड में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने की होगी।
ind vs eng