/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/30/test-cricket-2025-07-30-13-22-28.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।टेस्ट क्रिकेट को खिलाड़ियों के लिए कठिन परीक्षा माना जाता है। यह फॉर्मेट बल्लेबाजों का कड़ा इम्तिहान लेता है। क्रिकेट में कोई भी खिलाड़ी कभी न कभी तो गोल्डन डक होता ही है। सचिन तेंदुलकर, लारा, रिकी पोंटिंग, सुनील गावस्कर जैसे खिलाड़ी कई बार शून्य पर आउट हुए हैं। लेकिन टेस्ट फार्मेट में कई ऐसे भी खिलाड़ी भी हुए हैं, जो अपने करियर में कभी भी जीरो पर आउट नहीं हुए हैं। आज हम ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे।
ये बल्लेबाज नहीं हुए गोल्डन डक
1. जिम बर्क – ऑस्ट्रेलिया
1950 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने वाले जॉन वॉलेस बर्क अपनी क्लासिकल बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 24 टेस्ट मैचों की 44 पारियों में 1280 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 34.59 का रहा। उनके नाम 3 शतक और 5 अर्धशतक दर्ज हैं, जबकि उनका सर्वोच्च स्कोर 189 रन रहा। खास बात यह रही कि वे कभी भी डक (शून्य पर आउट) नहीं हुए।
2. सीन विलियम्स – जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे के अनुभवी बल्लेबाज सीन विलियम्स ने 2013 से 2025 तक खेले गए टेस्ट करियर में 22 मैचों की 43 पारियों में 1875 रन बनाए। उनका बल्लेबाजी औसत 48.07 का रहा और उन्होंने 6 शतक तथा 7 अर्धशतक लगाए। अपने पूरे करियर में विलियम्स कभी भी बिना खाता खोले आउट नहीं हुए, जो उन्हें बेहद खास बनाता है।
3. रेगी डफ – ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के शुरुआती दौर के बल्लेबाज रेगी डफ ने 1902 से 1905 तक 22 टेस्ट मैचों की 40 पारियों में 1317 रन बनाए। उनका औसत 35.59 का रहा और उन्होंने 2 शतक व 6 अर्धशतक लगाए। उस कठिन दौर में भी उनका कभी डक न होना उनके खेल की स्थिरता और परिपक्वता को दर्शाता है।
4. बृजेश पटेल – भारत
भारत के लिए 1974 से 1977 तक खेलने वाले बृजेश पटेल ने 21 टेस्ट मैचों की 38 पारियों में 972 रन बनाए। उनका औसत 29.45 का रहा और उनके नाम 1 शतक व 5 अर्धशतक हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 115* रन का रहा। उन्होंने कभी भी डक नहीं लिया, जिससे उनकी बल्लेबाजी की निरंतरता का पता चलता है।
5. रॉबर्ट क्रिस्टियानी – वेस्टइंडीज
वेस्टइंडीज के बल्लेबाज रॉबर्ट क्रिस्टियानी ने 1948 से 1954 तक 22 टेस्ट मैचों की 37 पारियों में 896 रन बनाए। उनका औसत 26.35 का रहा और उन्होंने 1 शतक व 4 अर्धशतक लगाए। उनका सर्वोच्च स्कोर 107 रन रहा। भले ही उनके आंकड़े बहुत बड़े न हों, लेकिन डक से पूरी तरह बचा रहना उनकी बल्लेबाजी की उपयोगिता को दर्शाता है।