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Chess FIDE वर्ल्ड कप: कोई भी जीते या हारे, शतरंज वर्ल्डकप का ताज होगा भारत के नाम

FIDE Womens Chess World Cup: दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी ने FIDE विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल में जगह बना ली है, जिससे भारत की जीत तय हो गई है। फाइनल मुकाबला 26 से 28 जुलाई तक जॉर्जिया के बटुमी में खेला जाएगा।

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन स्‍पोर्ट्स। दिव्‍या देशमुख और कोनेरू हम्‍पी विमेंस चेस FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई हैं। हम्‍पी ने सेमीफाइनल के टाई ब्रेकर मुकाबले में चीन की  टिंगजी लेई को हराया, जबकि दिव्‍या देशमुख पहले ही फाइनल में पहुंच गईं थीं। यह पहली बार होगा दो भारतीय खिलाड़ी  FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल खेलेंगे। यह टूर्नामेंट जॉर्जिया के बटुमी में खेला जा रहा है। FIDEविमेंस वर्ल्डकप 2025 के फाइनल मुकाबले का पहला गेम 26 जुलाई को शाम 4:45 बजे, जबकि दूसरा गेम 27 जुलाई को इसी समय खेला जाएगा। अगर दोनों मुकाबलों के बाद स्कोर बराबर रहता है, तो 28 जुलाई को शाम 4:35 बजे से टाईब्रेकर मुकाबले खेले जाएंगे।

 हम्‍पी ने टाई ब्रेकर के लेई को हराया 

गुरुवार को खेले गए टाईब्रेकर मुकाबले की शुरुआत में लेई ने बढ़त बना ली। पहले दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे, जिसके बाद 15-15 मिनट की दो बाजियाँ टाईब्रेकर के तहत खेली गईं। लेई ने पहली बाजी जीतकर शुरुआती बढ़त हासिल की, लेकिन हम्पी ने दबाव में रहते हुए दूसरी बाजी जीतकर मुकाबले को फिर से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद 10-10 मिनट के तीसरे सेट में हम्पी ने सफेद मोहरों से खेल की शुरुआत की और हर विभाग में लेई पर दबदबा बनाते हुए बाजी अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ फाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें अगली बाजी में सिर्फ ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन उन्होंने उसे जीत में बदलते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया।

दिव्या ने पूर्व विश्व चैंपियन तान झोंग्यी को दी मात

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19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन तान झोंग्यी को 1.5-0.5 के अंतर से हराया। पहले गेम में सफेद मोहरों से खेलते हुए दिव्या ने 101 चालों में जीत दर्ज की। उन्होंने बीच के खेल में लगातार दबाव बनाकर झोंग्यी को गलतियां करने के लिए मजबूर कर दिया। दूसरे गेम में भी दिव्या को सफेद मोहरों से खेलने का फायदा मिला। एक मौके पर क्वीन की अदला-बदली से वह सीधे जीत की स्थिति में आ सकती थीं, लेकिन उन्होंने क्वीन को बोर्ड पर बनाए रखते हुए भी अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी। हालांकि, झोंग्यी ने कुछ देर के लिए वापसी की और बढ़त भी हासिल की। लेकिन समय की कमी के दबाव में झोंग्यी ने निर्णायक गलती कर दी, जिससे दिव्या को दो प्यादों की बढ़त मिल गई। अंतिम क्षणों में झोंग्यी के पास ड्रॉ के कुछ मौके थे, लेकिन वह उन्हें भुना नहीं सकीं, और इस तरह दिव्या ने मुकाबला अपने नाम कर लिया।

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