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सट्टेबाजी में नाम घसीटने पर MS Dhoni ने ठोका था 100 करोड़ का मानहानि केस, जानिए क्‍या है मामला?

एमएस धोनी द्वारा दर्ज 100 करोड़ की मानहानि याचिका पर 11 साल बाद मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी। 2013 आईपीएल सट्टेबाजी कांड में नाम घसीटे जाने पर धोनी ने मीडिया चैनलों और पत्रकार पर केस किया था

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Suraj Kumar
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MS Dhoni Defamation
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन स्‍पोर्ट्स।महेंद्र सिंह धोनी के 100 करोड़ के मानहानि मामले में लम्‍बे समय बाद एक बार फिर से सुनवाई होगी। धोनी ने साल 2013 में आईपीएल सट्टेबाजी कांड में अपना नाम घसीटने के लिए 2 बड़े मीडिया चैनलों और एक पत्रकार पर यह मुकदमा दर्ज कराया था। 11 साल पुराने इस मामले में मद्रास हाईकोट ने सुनवाई करने का आदेश दिया है। जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने इस इस केस में एक एडवोकेट कमिश्नर भी नियुक्त किया है। धोनी भी इस इसको लेकर हाईकोर्ट में अपने बयान दर्ज कराएंगे। बता दें,आईपीएल सट्टेबाजी केस 2013 में हुआ था। 

वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज कराएंगे अपने बयान 

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होना पड़ेगा। कोर्ट ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उनकी उपस्थिति से अदालत परिसर में भीड़ बढ़ सकती है। अब धोनी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान दर्ज कराएंगे। धोनी ने यह केस 2014 में दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एक टीवी डिबेट के दौरान आईपीएल सट्टेबाजी मामले पर उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।

पीआर रमन होंगे धोनी के वकील 

रिपोर्ट के मुताबिक, एमएस धोनी की ओर से सीनियर वकील पीआर रमन ने कोर्ट में एक हलफनामा (एफिडेविट) दायर किया है, जिसमें मामले की सुनवाई जल्द शुरू करने की मांग की गई है। यह मामला करीब एक दशक से लंबित है, क्योंकि विभिन्न पक्ष समय-समय पर राहत की मांग करते रहे, जिससे कार्यवाही आगे नहीं बढ़ सकी। अपने एफिडेविट में धोनी ने कहा, “यह अनुरोध इसलिए किया गया है ताकि अनावश्यक देरी से बचा जा सके और मामले का निष्पक्ष, न्यायोचित और जल्द निपटारा हो सके। मैं इसमें पूरा सहयोग करूंगा और कोर्ट द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करूंगा।”

2013 में हुई थी आईपीएल फिक्सिंग 

क्रिकेट प्रेमियों को याद होगा कि साल 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी का बड़ा मामला सामने आया था। इस मामले में एस. श्रीसंत सहित तीन खिलाड़ियों को दोषी पाया गया और उन्हें सजा भी हुई। दो प्रमुख फ्रेंचाइजी—चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के कुछ सदस्य भी सट्टेबाजी में शामिल पाए गए, जिसके चलते दोनों टीमों को दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया। उस वक्त एमएस धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान और टीम के सबसे चर्चित चेहरे थे, इसीलिए उन पर भी सवाल उठे थे।

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