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रिचर्ड्स ने उड़ाई खिल्ली, Sunil Gavaskar मुस्कुराए फिर दिया ऐसा जवाब कि मार्शल-होल्डिंग को भी दिन में दिख गए तारे

एक बार विवियन रिचर्ड्स ने महान सुनील गावस्कर की खिल्ली क्रिकेट के मैदान में उड़ाई। लिटिल मास्टर ने मुस्कुराने के बाद अपने ही अंदाज में कुछ ऐसा जवाब दिया कि रफ्तार और स्विंग के मास्टर माने जाने वाले मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग पसीने में नहा गए।

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Shailendra Gautam
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रिचर्ड्स ने उड़ाई खिल्ली, गावस्कर मुस्कुराए फिर दिया ऐसा जवाब कि मार्शल-होल्डिंग को भी दिन में दिख गए तारे
नई दिल्‍ली: एक बार विवियन रिचर्ड्स ने महान सुनील गावस्कर की खिल्ली क्रिकेट के मैदान में उड़ाई। लिटिल मास्टर ने मुस्कुराने के बाद अपने ही अंदाज में कुछ ऐसा जवाब दिया कि रफ्तार और स्विंग के मास्टर माने जाने वाले मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग पसीने में नहा गए। लेकिन गावस्कर को आउट नहीं कर सके। गावस्कर ने उनको दिन में ही तारे दिखा दिए। वो मैदान से बाहर तभी आए जब भारतीय कप्तान कपिल देव ने पारी को समाप्त करने की घोषणा की।
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सीरीज शुरू होते ही दिखी बानगी 

वाकया 1983 का है। लंदन के ऐतिहासिक लार्ड्स मैदान कपिल देव की टीम ने अप्रत्याशित तरीके से तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने जा रही वेस्टइंडीज को हराकर क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी। भारतीय क्रिकेट के लिए वो वर्ल्ड कप अविस्मरणीय याद बन गया। लेकिन वेस्टइंडीज ने इसे अपनी प्रतिष्ठा पर चोट की तरह से लिया। 1983 में ही वेस्टइंडीज की टीम भारत के दौरे पर आई तो कप्तान क्लाईव लायड ने अपने तेवर जाहिर कर दिए। उनकी बातों से एहसास हो गया कि वो भारत को बताने आए हैं कि वेस्टइंडीज से टकराने के मायने क्या होते हैं। सीरिज शुरू हुई तो इसकी बानगी भी दिखने लगी। कानपुर के ग्रीन पार्क में पहला टेस्ट मैच खेला गया। पहले खेलते हुए वेस्टइंडीज ने 454 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया।

सुनील गावस्कर से थीं बड़ी उम्मीदें

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भारत दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई तो सभी को सुनील गावस्कर से बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन मैल्कम मार्शल ने दूसरी ही गेंद पर उनको विकेट के पीछे कैच करा दिया। भारत को फालोआन खेलना पड़ा। दूसरी पारी में भी गावस्कर महज 7 रन बनाकर मार्शल का शिकार बन गए। ये मैच भारत ने गंवा दिया। दूसरा टेस्ट दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में खेला गया। ये टेस्ट ड्रा रहा। गावस्कर ने वेस्टइंडीज के पेस अटैक को टी-20 अंदाज में मैदान के हर कोने में मारा। वो 121 रन बनाकर लैरी गोम्स का शिकार बने। तीसरा टेस्ट अहमदाबाद में हुआ। गावस्कर ने यहां भी भारत की पहली पारी में तेजतर्रार 90 रन ठोक दिए। हालांकि ये मैच भारत हार गया। लेकिन गावस्कर की क्लास दिखी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया चौथा टेस्ट मैच ड्रा रहा। लेकिन गावस्कर यहां बुरी तरह से फ्लाप हुए। उनके बल्ले से दो पारियों में 12 और 3 का स्कोर निकला। पांचवां टेस्ट कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेला गया। भारत इसमें बुरी तरह से हारा। गावस्कर फिर से फ्लाप हुए। पहली पारी में वो खाता नहीं खोल सके तो दूसरी में महज 20 रन बनाकर होल्डिंग की आउट स्विंग में फंसकर विकेट गंवा बैठे।

सीरीज का आखिरी मैच चेन्नई में खेला जाना था

सीरीज का आखिरी मैच चेन्नई में खेला जाना था। गावस्कर के खराब फार्म और लगातार हार से कप्तान कपिल देव झुंझला गए। उन्होंने टीम मीटिंग में फैसला लिया कि गावस्कर ओपनिंग के बजाय सेकेंड डाउन खेलने जाएं तो मार्शल और होल्डिंग के जाल में नहीं फंसेंगे। खैर वेस्टइंडीज ने पहले बैटिंग की और 313 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत ने अपनी पारी की शुरुआत की तो अंशुमन गायकवाड के साथ नवजोत सिद्धू को भेजा गया। मार्शल ने अपनी कहर बरपाती गेंदों से पारी के पहले ही ओवर में गायकवाड और फिर भरोसेमंद दिलीप वेंगसरकर का शिकार कर दिया। भारत का स्कोर 0 रन पर 2 विकेट था। वेंगसरकर के आउट होने के बाद गावस्कर मैदान में आए।
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गावस्‍कर ने क्रिकेट इत‍िहास की यादगार पारी खेली

वो स्ट्राईक लेने जा ही रहे थे कि नान स्ट्राईकर एंड से विवियन रिचर्ड्स दौड़ते हुए आए और गावस्कर से बोले कि आप कभी भी खेलने आओ कोई फर्क नहीं पड़ता। स्कोर सिफर ही मिलेगा। गावस्कर उनकी बात पर मुस्कुराए। लेकिन उसके बाद उन्होंने क्रिकेट इतिहास की एक यादगार पारी खेली। उन्होंने 236 रन बनाए। वो आखिर तक आउट नहीं हुए। वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग पसीने में नहा गए। खास बात है कि इस दौरान तक एंडी राबर्ट्स भी पेस अटैक का हिस्सा बन गए थे। लेकिन गावस्कर को आउट करने का वो कोई तरीका नहीं तलाश कर सके। आखिर में 451 के स्कोर पर कपिल देव को पारी समाप्त करनी पड़ी। तब कहीं जाकर वेस्टइंडीज के पेस अटैक की जान में जान आई। गावस्कर ने रिचर्ड्स के उस बर्ताव को कई बार अपने शब्दों में बयां किया है। खास बात है कि हाल ही में रिचर्ड्स ने आल टाईम ग्रेट गावस्कर को ही माना है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर पर गावस्कर की क्लास को तरजीह दी है। वो मानते हैं ऐसा बल्लेबाज फिर क्रिकेट में आया ही नहीं।
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