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कोलकाता, वाईबीएन डेस्क:कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कोलकाता में लॉ छात्रा से कथित गैंगरेप मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के कॉलेज सत्ताधारी पार्टी के नियंत्रण में हैं और छात्र संघों पर टीएमसी समर्थित गुंडों का कब्जा है।
सत्ता की शह पर दरिंदगी बढ़ रही
अधीर ने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है। 10 महीने पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या हुई थी लेकिन आज तक उसके माता-पिता को न्याय नहीं मिला। अब एक और छात्रा के साथ कॉलेज में पहले छेड़छाड़ और फिर गार्ड रूम में गैंगरेप हुआ है। उन्होंने टीएमसी पर आरोप लगाया कि 2017 के बाद से राज्य के किसी भी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए और हर संस्थान में पार्टी के लोगों को जबरन थोप दिया गया है। सत्ता की शह पर दरिंदगी बढ़ रही है। हर पीड़िता बोल नहीं पाती, लेकिन जो मामला सामने आया है, वह बंगाल की हकीकत उजागर करता है। अधीर ने कहा। इस बयान के बाद बंगाल की राजनीति में हलचल है। अब निगाहें टीएमसी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।
राजनीतिक हमला या हकीकत की चिंता?
अधीर रंजन चौधरी के बयान को जहां एक ओर विपक्षी हमला माना जा रहा है वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या बंगाल में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा वास्तव में खतरे में है? राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि अधीर का यह बयान केवल एक घटनात्मक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि टीएमसी सरकार पर लगातार बढ़ते दबाव का संकेत है। राज्य में पहले भी टीएमसी सरकार पर कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
कॉलेज कैंपस की राजनीति पर भी उठे सवाल
चौधरी ने कॉलेजों में छात्र संघ चुनाव न होने को भी इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई छात्र प्रतिनिधि मंडल की जगह पार्टी द्वारा थोपी गई ताकतें अब नियंत्रण में हैं।सत्ता के संरक्षण में पल रहे ये लोग अब संस्थानों को निजी कब्जे की तरह चला रहे हैं। इस कारण असल छात्र आवाज नहीं उठा पाते, और अपराधी मानसिकता के लोग हावी हो जाते हैं। Congress tmc
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