/young-bharat-news/media/media_files/2025/06/03/7FRBpoeTkttYMXdOFmVN.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य की जनसंख्या संरचना को लेकर बड़ा और विवादित बयान दिया है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि वर्तमान रुझान जारी रहा, तो 2041 तक मुस्लिम आबादी राज्य में हिंदुओं के बराबर यानी लगभग 50% तक पहुंच जाएगी। उन्होंने इसे असम की सांस्कृतिक पहचान पर सीधा हमला बताया। हिमंता बिस्वा सरमा का यह बयान निश्चित रूप से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक बहस छेड़ सकता है। एक तरफ इसे अवैध घुसपैठ और जनसंख्या असंतुलन की चेतावनी माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसके पीछे राजनीतिक ध्रुवीकरण और चुनावी रणनीति के संकेत भी देखे जा रहे हैं।
2011 की जनगणना के आंकड़ों का हवाला
प्रेस से बात करते हुए सीएम सरमा ने बताया कि 2011 में असम की कुल जनसंख्या: 3.12 करोड़ थी। उस समय मुस्लिम जनसंख्या 1.07 करोड़ (34.22%) थी और हिंदू जनसंख्या 1.92 करोड़ (61.47%)। उनका दावा है कि इन आंकड़ों के आधार पर 2021, 2031 और 2041 की जनगणनाओं में मुस्लिम जनसंख्या का प्रतिशत तेजी से बढ़ेगा। सरमा ने कहा कि असम में केवल 3% मुस्लिम असमिया मूल के हैं, जबकि शेष 31% मुस्लिम बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं। उन्होंने इसे सुनियोजित ‘जनसंख्या जिहाद’ और ‘भूमि जिहाद’ बताया, जिसका उद्देश्य राज्य की राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को बदलना है।
मुस्लिम बहुल जिलों की संख्या लगातार बढ़ी
हिमंता बिस्वा सरमा के अनुसार असम में 2001 में छह मुस्लिम बहुल जिले थे, 2011 में यह संख्या बढ़कर नौ हो गई और वर्तमान में यह आंकड़ा 11 जिलों तक पहुंच चुका है। इन जिलों में धुबरी, गोलपारा, बारपेटा, नगांव, मोरीगांव, करीमगंज, हैलाकांडी, बोंगाईगांव और दारंग प्रमुख हैं। सीएम सरमा ने दावा किया कि मुस्लिम घुसपैठिए वन और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर बसते हैं, फिर वहां की मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा लेते हैं। सीएम ने कहा- इससे एक संगठित वोट बैंक तैयार होता है, जिससे राजनीतिक दल कार्यवाही करने से बचते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि यह सब कांग्रेस सरकारों के संरक्षण में हुआ है, जहां जनसंख्या बदलाव के साथ कांग्रेस को वोट प्रतिशत में अप्रत्याशित बढ़ोतरी मिली। सीएम सरमा ने कहा कि राज्य सरकार अब जनसंख्या नियंत्रण और भूमि अधिकारों से जुड़े नए कानूनों पर विचार कर रही है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक अस्मिता को संरक्षित किया जा सके।
Assam | Assam Chief Minister | Assam news | Assam politics