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Photograph: (ybn )
वाईबीएन नेटवर्क, बरेली। चकबंदी लेखपाल पहले खुद भू माफिया बना। फिर कई लोगों का गैंग बनाकर करोड़ों की प्रापर्टी को कब्जा कर ली। उसे विभाग से निलंबित कर दिया गया। उसके बाद चकबंदी लेखपाल ने गैंग बनाकर शहर के अंदर करोड़ों की जमीनों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जे करने शुरु कर दिए। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर एसपी सिटी मानुष पारिख ने कई दिन की जांच के बाद पूरे गैंग का पर्दाफाश कर दिया। इस मामले में चकबंदी लेखपाल समेत पांच भू माफियों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है।
निलंबित चकबंदी लेखपाल ने नकली महिला को रजिस्ट्री दफ्तर में खड़ा करके पीलीभीत बाईपास पर करोड़ों रुपए की जमीन के पहले अलग अलग पांच बैनामे करवाये। इसके बाद पुलिस से साठगांठ करके शहर के एक कारोबारी को थाने में बिठवा दिया। फिर लेखपाल के गैंग ने करोड़ो रुपए की कीमत के प्लाट पर कब्जा कर लिया। एसपी सिटी मानुष पारीक के आदेश पर थाना बारादरी में निलंबित लेखपाल समेत पांच लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद पुलिस की ओर से लेखपाल के भू माफिया गैंग द्वारा कब्जा की गई करोड़ों रुपए की प्रापर्टी की डिटेल खंगाली जा रही है।
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पूरा सिस्टम भू माफियों की जेब में, जीएसटी रजिस्टर्ड, प्लॉट बीडीए से स्वीकृत
लेखपाल के भू माफिया गैंग ने पूरे सरकारी सिस्टम को अपनी जेब में रख लिया। न केवल लेखपाल के गैंग ने फर्जी महिला को खड़ा करके करोड़ों की कीमत के प्लाटों की रजिस्ट्री कराई, बल्कि इन पर बीडीए से निर्माण भी स्वीकृत करा लिया। इस मामले के पीड़ित आकाशपुरम निवासी मो इलयास पुत्र महबूब हुसैन ने बताया कि नवादा शेखान में उनकी पत्नी के नाम से एक प्लाट है। उस पर वह 20 साल से नर्सरी और बेंत-फर्नीचर का कारोबार करते हैं। उनका यह प्लाट बीडीए से स्वीकृत है। निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल ने पुलिस के साथ मिलकर अपने साथियों के साथ मिलकर उस प्लाट पर अवैध कब्जा कर लिया। बारादरी थाने बिठवाकर उनका शांतिभंग में चालान भी करवा दिया। लेखपाल और उसके गुर्गे कई बार उनको जान स मारने की धमकी भी दे चुके हैं।
भूमाफिया गैंग में अधिवक्ता और महिलाएं भी
लेखपाल के भू माफिया गैंग मे शहर का एक अधिवक्ता, तीन से चार प्रापर्टी डीलर और महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अलावा जमीनों पर कब्जा करने के लिये अनुसूचित जाति की कुछ महिलाएं भी गैंग में शामिल की गई है ताकि जमीन के असली मालिकों पर एससी एक्ट में एफआईआर दर्ज कराई जा सके। यह गैंग जिस प्लाट पर कब्जा करना चाहता है, वहां अनूसूचित जाति की महिलाएं लेकर जाता है। गैंग की पुलिस से साठगांठ रहती है। जमीन का असली मालिक अगर कोई बात कहता है तो अनुसूचित जाति की महिलाएं उसे पर एससी एक्ट लगवाने की धमकी देकर दबाव बनाती हैं इससे पीड़ित दब जाता है और यह गैंग करोड़ों के जमीनों पर कब्जे कर लेता है। इस मामले की जांच जब एसपी सिटी मानुष पारीक ने गहराई से की, तब इसकी परतें खुलती चली गई। एसपी सिटी ने मौके पर जाकर भी कब्जे वाले प्लाट देखे। दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। पांच बैनामा कराने वाली महिला रेनू को तलाशा गया, लेकिन वह अब तक नहीं मिली। पीड़ित मो इलयास की तहरीर पर बारादरी पुलिस ने निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल, मुरादाबाद के कांठ निवासी अमित कुमार पुत्र तेज बहादुर, पीलीभीत के मोहल्ला नई बस्ती निवासी चंदन खां पुत्र इसरार खां, मुरादाबाद के मोहल्ला कटघर निवासी अंकित त्रिपाठी पुत्र सुनील कुमार, नबावगंज के मोहल्ला वसीनगर मिंया मस्जिद निवासी रेनू पत्नी स्व महेंद्र नाथ के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, अवैध कब्जा करने, धमकी देने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।