पटना, वाईबीएन संवाददाता।
बिहार की सियासी फिजा इन दिनों गर्म है। लेकिन विपक्ष के हमलों से नहीं—बल्कि सत्ताधारी गठबंधन, एनडीए के भीतर उठ रहे तूफान से। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक बयान ने ऐसा सियासी धमाका किया है, जिसकी गूंज दिल्ली से पटना तक सुनाई दे रही है।
बयान से मचा बवाल
गुरुग्राम में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बड़ा बयान दे डाला। मंच साझा कर रहे बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को लेकर सैनी ने कहा—"अब बिहार की बारी है। बीजेपी की पताका रुकनी नहीं चाहिए। और यह पताका सम्राट चौधरी के नेतृत्व में लहराया जाएगा।"bihar politics | Bihar political drama | Bihar politics 2025 | BJP political fight
सैनी के बयान पर जेडीयू का पलटवार
सैनी के बयान से जेडीयू बौखला गई। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तुरंत पलटवार किया—"बिहार की धरती से एक ही बात निकलती है—नीतीश है तो निश्चिंत है।" उन्होंने यह भी याद दिलाया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि अगला चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। इतना ही नहीं, नीरज कुमार ने ये दावा भी ठोंक दिया कि एनडीए के सभी पांच घटकदलों की सहमति से नीतीश ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, और 2025 से 2030 तक बिहार में उन्हीं की सरकार चलेगी।
एनडीएम में आंतरिक संघर्ष तेज
एनडीए के भीतर इस समय एक 'अनकहा संघर्ष' जारी है। एक ओर भाजपा है, जो अपने जनाधार और आक्रामक नेतृत्व के बूते बिहार में सीएम चेहरा बदलने की तैयारी में दिख रही है। दूसरी ओर जेडीयू है, जो नीतीश कुमार को ही 'स्थायित्व का प्रतीक' बता रही है। बिहार की राजनीति के जानकार मानते हैं कि भाजपा अब 'वन मैन शो' के बजाय 'वन पार्टी डोमिनेशन' की ओर बढ़ रही है। लेकिन नीतीश कुमार जैसे नेता, जिनका लंबा प्रशासनिक अनुभव और सामाजिक संतुलन का तजुर्बा है, उन्हें दरकिनार करना इतनी आसान बात नहीं।