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नई दिल्ली, आईएएनएस। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नागालैंड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ साइंसेज के डीन चितरंजन देव पर भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज की है। बता दें कि इससे पहले 12 जुलाई को सीबीआई ने तीन अलग-अलग राज्यों में छापेमारी कर चितरंजन देव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में अहम दस्तावेज जुटाए थे। फिलहाल आगे की कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने नागालैंड यूनिवर्सिटी के डीन पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एसीबी गुवाहटी कर रही है जांच
नागालैंड विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के डीन और वरिष्ठ प्रोफेसर पर भ्रष्टाचार के अलावा अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप हैं। चितरंजन देव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया और मामले की जांच सीबीआई और एसीबी, गुवाहाटी को सौंपी गई। सीबीआई के मुताबिक, उन्होंने वैज्ञानिक उपकरण और अन्य सामग्रियों की पूर्ति के लिए रिश्वत लेकर पक्षपातपूर्ण तरीके से कुछ आदेश दिए थे। इससे कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
नागालैंड विश्विद्यालय को आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप
सीबीआई का कहना है कि इससे नागालैंड विश्वविद्यालय को जानबूझकर आर्थिक क्षति पहुंचाई गई, जबकि स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया। सीबीआई को प्राप्त एक सूचना के अनुसार, पूर्व में कुछ विक्रेताओं ने चितरंजन देव को एटीएम और बैंक खातों के माध्यम से रिश्वत दी थी, क्योंकि उन्होंने विश्वविद्यालय में विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति में उनका पक्ष लिया था। सीबीआई के अनुसार, एक मुखबिर से मिली जानकारी में बताया गया कि चितरंजन देव ने कई बार असम के जोरहाट स्थित रविंद्र कुमार जैन से पांच लाख रुपए की आपूर्ति के आदेश और 23 लाख रुपए की नई सामग्रियों की आपूर्ति के एवज में रिश्वत मांगी थी।
जोरहाट की भी कंपनी से मांगी थी रिश्वत
इसके अलावा, आरोपी प्रोफेसर देव ने जोरहाट की ही एक अन्य कंपनी से भी यूपीएस बैटरी व अन्य सामग्रियों की आपूर्ति में अनुकूलता दिखाने के बदले रिश्वत मांगी थी। इस सिलसिले में 12 जुलाई और उसके बाद की अलग-अलग तारीखों को सीबीआई ने जोरहाट (असम), लुमामी (नागालैंड) और अगरतला (त्रिपुरा) समेत अलग-अलग स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। छापेमारी में आरोपी और संबंधित कंपनियों के कार्यालयों से रिश्वत लेनदेन से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज और निविदाओं से जुड़ी सामग्री बरामद की गई।
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