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देहरादून, वाईबीएन डेस्क: पहाड़ों की रानी मसूरी इन दिनों एक गंभीर स्वास्थ्य संकट से जूझ रही है। शहर में पीलिया (जॉन्डिस) तेजी से फैल रहा है और खासकर बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। स्थिति यह है कि उप जिला चिकित्सालय मसूरी में हर दिन 6 से 8 मरीज पीलिया के लक्षणों के साथ भर्ती हो रहे हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं। लगातार बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
बीमारी का मुख्य कारण दूषित पेयजल
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि संक्रमण का मुख्य कारण दूषित पेयजल है। बरसात के मौसम में जल स्रोतों में गंदगी मिल जाने से पानी पीने योग्य नहीं रह गया, जिससे संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है। उप जिला चिकित्सालय के सीएमएस खजान सिंह चौहान ने बताया कि पीलिया का यह संक्रमण सामान्य नहीं बल्कि काफी गंभीर है। उनके अनुसार अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच के बाद साफ हो गया है कि दूषित पानी ही संक्रमण की मुख्य वजह है। बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पीलिया केवल आंखों के पीले पड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर के अंदर लीवर से जुड़ा गंभीर संक्रमण होता है।
लोगों से सतर्क रहने की अपील की
डॉक्टरों की सलाह है कि इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, इलाज में देरी जानलेवा हो सकती है। पीलिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए खजान सिंह चौहान ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि पानी को उबालकर पीएं, केवल साफ और सादा खाना खाएं, खुले में बिकने वाले खाने से बचें और बच्चों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। बरसात में जलभराव और नालियों से दूरी बनाकर रखें।
पेयजल की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रिपेन सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा कि मसूरी में जल आपूर्ति की नियमित जांच की जा रही है और अभी जो पानी सप्लाई हो रहा है वह मानक के अनुसार है। हालांकि, यमुना पेयजल पंपिंग योजना से जुड़े कुछ इलाकों में पहले शिकायतें आई थीं, जिन्हें सुलझा दिया गया है। एहतियात के तौर पर फिर से पानी की जांच करवाई जाएगी।
पेयजल की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद गढ़वाल जल संस्थान के सहायक अभियंता त्रिपेन सिंह रावत ने सफाई देते हुए कहा कि मसूरी में जल आपूर्ति की नियमित जांच की जा रही है और अभी जो पानी सप्लाई हो रहा है वह मानक के अनुसार है। हालांकि, यमुना पेयजल पंपिंग योजना से जुड़े कुछ इलाकों में पहले शिकायतें आई थीं, जिन्हें सुलझा दिया गया है। एहतियात के तौर पर फिर से पानी की जांच करवाई जाएगी।
स्थानीय बोले कई दिनों से आ रहा है बदबूदार पानी
मसूरी निवासी रमेश उनियाल ने बताया किनलों से आने वाले पानी में काफी समय से बदबू आ रही थी जिसकी कई बार शिकायत की गई। अब जब बच्चे बीमार हो रहे हैं, तो डर और बढ़ गया है। प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।मसूरी जैसे पर्यटन शहर में इस तरह की बीमारी का फैलना न केवल स्थानीय नागरिकों की सेहत के लिए खतरा है, बल्कि इससे शहर की छवि और पर्यटन पर भी असर पड़ सकता है।प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अब और तेजी से एक्शन लेना होगा, ताकि पीलिया को समय रहते रोका जा सके और भविष्य में इस तरह की स्थिति फिर न बने।
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ये हैं पीलिया के प्रमुख लक्षण
- आंखों और त्वचा का पीला पड़ना
- थकावट, कमजोरी
- भूख में कमी या मिचली
- उल्टी आना
- पेट के दाईं ओर ऊपरी हिस्से में दर्द
- गहरा पीला पेशाब
- हल्के रंग का मल
Mussoorie | jaundice outbreak
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