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मुंबई, वाईबीएन डेस्क: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मंगलवार को मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र मीरा-भायंदर में मराठी भाषा और समाज के सम्मान के समर्थन में एक बड़ा प्रदर्शन किया। यह मार्च ओम शांति चौक से मीरा रोड चौक तक निकाला गया और इसमें बड़ी संख्या में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शन की शुरुआत बिना पुलिस अनुमति के हुई, जिस कारण पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हालांकि बाद में प्रशासन ने मार्च की अनुमति दे दी और प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। एहतियात के तौर पर पूरे इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
एमएनएस के कार्यकर्ता अब सड़कों पर उतर
महाराष्ट्र में मराठी बनाम गैर-मराठी भाषा को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता अब सड़कों पर उतर आए हैं। हाल ही मेंएमएनएस कार्यकर्ताओं ने एक फूड स्टॉल मालिक की पिटाई कर दी, क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। इस घटना के विरोध में व्यापारी संगठनों ने प्रदर्शन किया, जिसके जवाब में मंगलवार को एमएनएस ने रैली निकाली। यह रैली बिना पुलिस अनुमति के ठाणे जिले में निकाली गई, जिससे इलाके में भारी ट्रैफिक और तनाव का माहौल बन गया। पुलिस ने सुबह 3:30 बजे ही एमएनएस के ठाणे और पालघर जिला प्रमुख अविनाश जाधव सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
सरकार गुजराती व्यापारियों को समर्थन दे रही
एमएनए नेता संदीप देशपांडे ने इस कार्रवाई की तुलना आपातकाल से की और आरोप लगाया कि सरकार गुजराती व्यापारियों को समर्थन दे रही है जबकि मराठी आवाजों को दबा रही है। उन्होंने कहा, "सरकार जो भी करे, मराठी लोगों की यह रैली होकर ही रहेगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रैली तय रूट पर नहीं थी, इसलिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र है, लेकिन प्रदर्शन के लिए पूर्व अनुमति जरूरी है।
मराठी में बात न करने पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने पीटा
यह विवाद तब शुरू हुआ जब मीरा-भायंदर में एक फूड स्टॉल मालिक को मराठी में बात न करने पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने पीटा। वीडियो वायरल होने के बाद व्यापारी समुदाय में नाराजगी फैली और उन्होंने शांतिपूर्ण रैली का ऐलान किया। एमएनएस ने इसे मराठी अस्मिता पर हमला बताया और खुद विरोध रैली की योजना बनाई। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की और कहा कि भाषा के आधार पर हिंसा किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जा सकती। उन्होंने सरकार से मांग की कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। MNS Shiv Sena
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