नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता आतिशी को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वह कालकाजी स्थित
भूमिहीन कैंप में चल रहे एंटी-डिमोलिशन प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचीं। प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ स्थानीय लोगों के साथ खड़ी आतिशी की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
आतिशी स्थानीय लोगों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर पहुंची थीं
दिल्ली में कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में चल रहे अतिक्रमण विरोधी प्रदर्शन में नया नया मोड़ आ गया है। आप नेता और
पूर्व सीएम आतिशीको दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आतिशी स्थानीय लोगों के समर्थन में प्रदर्शन स्थल पर पहुंची थीं जहां अतिक्रमण हटाने के नाम पर झुग्गियों को तोड़े जाने का विरोध हो रहा था। दिल्ली सरकार की पूर्व शिक्षा और जल मंत्री आतिशी ने मौके पर पहुंचकर प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना की और कहा कि गरीबों के घर उजाड़ना किसी भी सूरत में उचित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ये लोग वर्षों से यहां रह रहे हैं, उनके पास वोटर कार्ड, राशन कार्ड जैसी जरूरी पहचान भी है और ऐसे में बिना पुनर्वास के जबरन घरों को तोड़ना अमानवीय कार्रवाई है।
हिरासत से पहले दिया गया बयान
हिरासत में लिए जाने से पहले आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये सिर्फ झुग्गी नहीं है, यहां इंसान बसते हैं। जिनके सिर से छत छीन ली जा रही है उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। हम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता इनके साथ खड़े हैं, और जब तक एक भी झुग्गी को तोड़ा जाएगा, हम चुप नहीं बैठेंगे। उनके इस बयान के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें मौके से हिरासत में ले लिया और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की। हालांकि इस दौरान किसी बड़े टकराव की खबर नहीं मिली।
विरोध का कारण क्या है?
कालकाजी स्थित भूमिहीन कैंप में दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और अन्य एजेंसियों द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार की पूर्व सूचना नहीं दी गई, और अचानक बुलडोज़र लेकर प्रशासन पहुंच गया। उनका यह भी आरोप है कि उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था या पुनर्वास योजना का कोई विकल्प नहीं दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और एलजी पर भी निशाना साधा है। पार्टी का कहना है कि गरीबों और मजदूर वर्ग को निशाना बनाकर राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। आप के प्रवक्ताओं ने सोशल मीडिया पर भी सक्रियता दिखाते हुए लिखा कि जब मंत्री गरीबों की आवाज बनते हैं, तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है। ये लोकतंत्र नहीं, दमन है।
पुलिस का पक्ष
दिल्ली पुलिस की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार पुलिस का कहना है कि धारा 144 के उल्लंघन और शांति भंग की आशंका के चलते प्रदर्शनकारियों को रोका गया और सुरक्षा के मद्देनज़र हिरासत में लिया गया। delhi police | Delhi police actionAtishi