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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को अंतरिम जमानत वाली याचिका को न्यायालय की तरफ से रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इस मामले पर अपना फैसला अलग-अलग दिया, एकमत फैसला ना आने के कारण याचिका को रद्द करते हुए इसे बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है। ताकि वे इस मामले में तीन जजों की पीठ गठित करें। इसके बाद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। बता दें जस्टिस पंकज मित्तल ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जबकि जस्टिस अहसानुद्दीन अमानतुल्लाह ने इसके पक्ष में फैसला दिया था। अब इस पर सुनवाई के लिए एक बड़ी बेंच का गठन किया जा सकता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्यों नहीं खत्म हुआ ट्रायल?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों के ट्रायल में देरी को लेकर सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि पांच साल बाद भी ट्रायल क्यों पूरा नहीं हुआ और केवल चार गवाहों से ही पूछताछ क्यों की गई? कोर्ट ने यह भी कहा कि ताहिर हुसैन पर आरोप होने के बावजूद यह स्थिति एक सामान्य नागरिक की तरह है, और ट्रायल में हो रही देरी पर न्याय की उम्मीद जताई। अदालत ने यह भी कहा कि नागरिक के रूप में ताहिर हुसैन के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप और जमानत का मुद्दा
ताहिर हुसैन, जो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से दिल्ली विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं, ने अपनी अंतरिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि हुसैन पर दिल्ली दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप है, जिसमें 53 लोगों की जान चली गई थी। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और वे केवल पूर्व पार्षद होने के कारण जमानत के हकदार नहीं हैं। ताहिर ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बता दें ताहिर हुसैन दिल्ली दंगे से जुड़े 11 मामलों में आरोपी है। उस पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का भी आरोप है। 24 फरवरी 2020 को हुए दिल्ली दंगे में 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।
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दिल्ली दंगे का असली कारण
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे 23 फरवरी 2020 की रात से शुरू होकर, उत्तर पूर्व दिल्ली के संपत्ति विनाश, दंगों और हिंसक घटनाओं का कारण बनी । इसमें 53 लोग मारे गए और 200 से अधिक लोग घायल हुए।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच का कहना है कि दिल्ली दंगों के पीछे एक गहरी साजिश थी, जिसकी नींव 2019 में सीएए और एनआरसी के प्रदर्शनों के दौरान पड़ी। इस साजिश का ज़िक्र एफआईआर नंबर 59/2020 में किया गया है। दिल्ली पुलिस जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली दंगों का मास्टरमाइंड मानती है।
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