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कोर्ट में ड्रेस कोड: अदालत में सिर्फ वकील ही सफेद कमीज, काली पैंट पहनकर आ सकेंगे

कुछ दलाल खुद को वकील या वकीलों के क्लर्क बताकर लोगों को धोखा देने वालों से बचानेके लिए रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि क्लर्क, वादी और आम जनता जिला अदालत परिसर में सफेद कमीज और काली पैंट पहनकर नहीं आ सकते हैं।

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Mukesh Pandit
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि क्लर्क, वादी और आम जनता जिला अदालत परिसर में सफेद कमीज और काली पैंट पहनकर नहीं आ सकते। यह फैसला उन शिकायतों के बाद लिया गया है जिनमें कहा गया था कि कुछ दलाल खुद को वकील या वकीलों के क्लर्क बताकर लोगों को धोखा दे रहे हैं। 

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आम आदमी ब्लैक पेंट और व्हाइट शर्ट में न आएं

बार एसोसिएशन ने 15 जुलाई के नोटिस में कहा, ‘यह सूचित किया जाता है कि कोई भी क्लर्क, वादी या आम व्यक्ति अदालत परिसर में सफेद कमीज और काली पैंट पहनकर नहीं आ सकता।’नोटिस में कहा गया है कि यह ड्रेस केवल वकीलों या अधिवक्ताओं के लिए है, ताकि उनकी पेशेवर पहचान और विधिक समुदाय की गरिमा बनी रहे। इससे पहले, बार एसोसिएशन ने वादियों के साथ धोखाधड़ी रोकने के लिए अधिवक्ताओं के क्लर्कों के लिए अधिकृत पहचान पत्र (आईडी) प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया था।

शिकायतों के बाद उठाया कदम

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पहले के नोटिस में कहा गया था, ‘रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति को बार के कई सदस्यों, आम लोगों और वादियों से मिली कई शिकायतों के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि कुछ दलाल खुद को गलत तरीके से अधिवक्ता या अधिवक्ताओं के क्लर्क के रूप में पेश कर रहे हैं। ये लोग भोलेभाले वादियों को गुमराह कर ठग रहे हैं।’

ड्रेस कोड मुख्य रूप से काला कोट और सफेद शर्ट

देशभर में वकीलों का ड्रेस कोड मुख्य रूप से काला कोट और सफेद शर्ट है। इसके साथ, पुरुष वकील काली पतलून और काले जूते पहनते हैं, जबकि महिला वकील काली पतलून या स्कर्ट के साथ सफेद शर्ट और काला कोट या ब्लेज़र पहनती हैं। इसके अलावा, सभी वकीलों के लिए सफेद नेकबैंड (बैंड) पहनना अनिवार्य है।

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ऐसा कहा जाता है कि वकीलों के काला कोर्ट पहनने की परंपरा ब्रिटेन से शुरू हुई। 1865 में इंग्लैंड के शाही परिवार ने किंग्स चार्ल्स द्वितीय के निधन पर कोर्ट में जज और वकीलों को काले रंग के कपड़े पहनने का आदेश दिया गया था। हालांकि, इससे पहले ही 1637 में वकीलों को काले रंग का कपड़ा पहनने वाला प्रस्ताव रखा गया था ताकि वकील आम लोगों से अलग दिखें। 

भारत में 1961 में काला कोट पहनना हुआ अनिवार्य

भारत में ब्रिटिश उपनिवेश था। ऐसे में यहां कई सारी ऐसी परंपराएं प्रचलित हो गईं जो ब्रिटेन की थी। इन्हीं में से एक वकीलों का काला कोट पहनना था। भारत में लंबे समय से वकील काला कोट पहनते आए हैं। हालांकि, आजादी के काफी समय बाद तक वकीलों का काला कोर्ट पहनना अनिवार्य नहीं था। लेकिन 1961 में इसे अनिवार्य किया गया। माना जाता है कि यह ड्रेस कोड वकीलों में अनुशासन लाता है और न्याय के प्रति उनके मन में विश्वास को भी बढ़ाता है।  Lawyer Uniform Rule | White Shirt Black Pants Rule | Court Dress Code | High Court Dress Code not present in content

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