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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली के वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में शनिवार को गिरी चार मंजिला इमारतगिरने के मामले में एक और दर्दनाक खबर सामने आई है। हादसे में बुरी तरह घायल 14 माह का मासूम अहमद भी जिंदगी की जंग हार गया। रविवार देर शाम उसने जीटीबी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जिससे मृतकों की संख्या बढ़कर 7 हो गई। इस हृदयविदारक खबर ने उस समय को और ज्यादा दुखद बना दिया जब उसके पिता परवेज अपने माता-पिता, दो भाइयों, बहन और भांजी के जनाजे को सुपुर्द-ए-खाक कर लौटे ही थे। अब उन्होंने अपने इकलौते बेटे को भी खो दिया। परवेज और उनकी पत्नी शीजा का रो-रोकर बुरा हाल है।
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एक साथ उजड़ गया पूरा परिवार
बिल्डिंग हादसे में परवेज का परिवार पूरी तरह उजड़ गया। परिवार में अब कुछ नहीं बचा। हादसे में परवेज ने अपनी मां, पिता मतलूब, दो छोटे भाई, बहन, भांजी और अब इकलौता बेटा अहमद भी खो दिया। परवेज की मौसी, खुर्शीद जहां ने रोते हुए कहा, “मतलूब भाई का पूरा घर उजड़ गया।” अहमद की मौत के बाद परिजन अस्पताल पहुंचे और पोस्टमार्टम के बिना शव सौंपने की मांग करने लगे। पुलिस अधिकारी उन्हें समझाते रहे कि कानून के अनुसार औपचारिकताएं जरूरी हैं।
अहमद की मौत पर क्या बोला परवेज
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परवेज ने बिलखते हुए बताया कि अहमद दादा-दादी के सबसे करीब था, और शीजा (पत्नी) को भी उसकी देखरेख की चिंता नहीं रहती थी। हादसे के बाद सभी उसकी सलामती की दुआ कर रहे थे। रविवार सुबह हालत सुधरती दिखी, लेकिन शाम होते-होते तबीयत बिगड़ी और अहमद ने दम तोड़ दिया।
एक साथ छह जनाजे, पूरा मोहल्ला रो पड़ा
रविवार को जब ईदगाह में एक ही परिवार के छह जनाजे पहुंचे, तो परवेज और नावेद खुद को रोक नहीं पाए और फूट-फूटकर रोने लगे। आस-पास मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।अब्दुल मतलूब की बेटी आफिया उर्फ मोनी शव देखकर बेसुध हो गई। होश आने पर मामा से लिपटकर रोने लगी। वह कहती रही, “अभी तो अम्मी और भाई मुझसे मिलकर लौटे थे।”दूर-दराज से आए रिश्तेदार और पूरे मोहल्ले के लोग इस मंजर को देख रो पड़े। अस्र की नमाज के बाद जब छह जनाजे एक साथ उठे, तो शोक की लहर चारों ओर फैल गई।
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