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दिल्ली के चिड़ियाघर में बाघ के दो शावकों की मौत के बाद शेष चार को बचाने के प्रयास तेज

मादा शावक 12 घंटे से अधिक समय तक बिना दूध के रहने के कारण कमजोर हो गई थी। इसके बाद उसे विटामिन से भरपूर एक विशेष रूप से तैयार किया गया दूध दिया गया, जैसा कि अतीत में शेर के शावकों के पालन-पोषण के लिए सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था। 

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Mukesh Pandit
Delhi Zoo
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में इस महीने की शुरुआत में पैदा हुए बंगाल टाइगर के छह शावकों में से दो की मौत के बाद शेष चार को बचाने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक शनिवार सुबह एक शावक के दूध पीना बंद करने के बाद उसे चिड़ियाघर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। अब शावक की हालत स्थिर है। 

विटामिनयुक्त दूध दिया, मादा शावक कमजोर

चिड़ियाघर के अधिकारियों के अनुसार मादा शावक 12 घंटे से अधिक समय तक बिना दूध के रहने के कारण कमजोर हो गई थी। इसके बाद उसे विटामिन से भरपूर एक विशेष रूप से तैयार किया गया दूध दिया गया, जैसा कि अतीत में शेर के शावकों के पालन-पोषण के लिए सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया था। पशु चिकित्सा अधिकारी अभिजीत भावल ने कहा, ‘शुरुआत में शावक ने इसका विरोध किया, क्योंकि मां के दूध के आदी होने के बाद उन्हें दूसरे दूध के साथ तालमेल बिठाने में कुछ दिन लगते हैं। लेकिन अब यह फॉर्मूला सफलतापूर्वक शुरू कर दिया गया है। ’ 

गर्म कपड़ों से ढकी एक टोकरी में रखा 

उन्होंने बताया कि शावक को मां के स्पर्श की गर्मी का एहसास दिलाने के लिए गर्म कपड़ों से ढकी एक टोकरी में रखा जा रहा है और हर तीन घंटे में उसे हाथ से खाना खिलाया जा रहा है। भावल ने बताया कि भर्ती होने के बाद से उसका वजन लगभग 200 ग्राम बढ़ गया है। अन्य तीन शावक अपनी मां अदिति के साथ रह रहे हैं और नियमित रूप से दूध पी रहे हैं। सात वर्षीय बाघिन अदिति ने चार अगस्त को छह शावकों को जन्म दिया था।

 अदिति को नागपुर के गोरेवाड़ा बचाव केंद्र से चिड़ियाघर में लाया गया था। चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने पहले कहा था कि बाघिन और उसके शावकों की सीसीटीवी से लगातार निगरानी की जा रही है और दूध बनने में सहायता के लिए अदिति को पोषक तत्व दिए जा रहे हैं। 

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