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Delhi के निजी स्कूलों में विशेष बच्चों के दाखिले को लेकर दिशानिर्देश जारी, 2 जून से शुरू होगा ऑनलाइन आवेदन

दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने राजधानी के निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) के दाखिले को लेकर शुक्रवार को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

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Jyoti Yadav
Guidelines issued for admission of special children in private schools of Delhi
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने राजधानी के निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षाओं में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) के दाखिले को लेकर शुक्रवार को नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश "बेंचमार्क दिव्यांगता" वाले बच्चों के लिए लागू होंगे, जो राइट टू एजुकेशन (RTE) अधिनियम, 2009 और RPWD अधिनियम, 2016 के तहत पात्र माने जाते हैं।

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परिपत्र के अनुसार, बेंचमार्क दिव्यांगता का तात्पर्य ऐसे बच्चों से है, जिनकी दिव्यांगता 40% या उससे अधिक हो और जो किसी सरकारी अस्पताल से प्रमाणित हों। इसके साथ ही, बौद्धिक दिव्यांगता, विशेष प्रकार की सीखने की अक्षमता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर या अन्य संबंधित श्रेणियों वाले बच्चों को भी नैदानिक मूल्यांकन के आधार पर शामिल किया जा सकता है।

आयु सीमा तय

शैक्षणिक सत्र 2025 के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई है। प्री-स्कूल/नर्सरी के लिए तीन से सात वर्ष, किंडरगार्टन के लिए चार से आठ वर्ष तथा कक्षा पहली के लिए पांच से नौ वर्ष की आयु वाले बच्चे पात्र होंगे। यह आयु गणना 31 मार्च, 2025 तक मान्य होगी।

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ऑनलाइन आवेदन और ड्रॉ की प्रक्रिया

ऑनलाइनआवेदन मॉड्यूल सोमवार, 2 जून से खुलेगा और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 22 जून निर्धारित की गई है। चयन प्रक्रिया के तहत 7 जुलाई को कम्प्यूटरीकृत ड्रा आयोजित किया जाएगा।

कोई कैपिटेशन फीस नहीं

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परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि आरटीई अधिनियम के तहत कोई भी स्कूल ‘कैपिटेशन फीस’ या ‘डोनेशन’ नहीं मांग सकता। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसे मांगी गई राशि के दस गुना तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

लोकेशन आधारित ड्रॉ और चेतावनी

शिक्षा निदेशालय ने अभिभावकों को चेताया है कि वे आवासीय विवरण में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी न दें, क्योंकि ड्रॉ की प्रक्रिया लोकेशन डाटा पर आधारित होगी। गलत जानकारी देने पर आवेदन निरस्त किया जा सकता है।

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