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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: गुरुवार सुबह दिल्लीवासियों के लिए बारिश राहत की बजाय आफत बनकर आई। राजधानी में तड़के हुई तेज बारिश के कारण शहर के कई प्रमुख इलाकों में जलभराव हो गया। एपीएस कॉलोनी, साउथ दिल्ली, गोल्फ लिंक, साकेत, हौज खास और चाणक्यपुरी जैसे पॉश रिहायशी क्षेत्र पानी में डूब गए, जिससे सुबह के समय ऑफिस और स्कूल जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सड़कों पर बना दरिया, घंटों तक फंसे रहे वाहन
बारिश के बाद सुबह करीब 6 बजे से ही कई इलाकों से पानी भरने की खबरें आने लगीं। सबसे बुरा हाल एपीएस कॉलोनी में देखा गया, जहां कॉलोनी के अंदर और बाहर दोनों ओर जलभराव से गाड़ियां फंस गईं। बता दें कि जलभराव सिर्फ छोटी गलियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि मेन रोड और आउटर रिंग रोड जैसे व्यस्त मार्गों पर भी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई दुपहिया वाहन बंद हो गए, जबकि कारें आधे टायर तक पानी में डूबी रहीं। दर्जनों स्कूल व कार्यालय आने-जाने वाले कर्मचारी फंसे नजर आए। कुछ लोगों को घर लौटना पड़ा तो कई पैदल ही रास्ता पार करते देखे गए।
स्थानीय लोगों की नाराजगी हर साल की वही कहानी
स्थानीय निवासी प्रशासन पर जमकर बरसे। एपीएस कॉलोनी के निवासियों ने कहा कि हर साल बारिश के मौसम में यही होता है। एक घंटे की बारिश और पूरा इलाका पानी-पानी हो जाता है। नालों की सफाई ना के बराबर होती है। कॉलोनी का इंफ्रास्ट्रक्चर इतना पुराना हो गया है कि जरा सी बारिश में ही यह ध्वस्त हो जाता है। कई बुजुर्ग और महिलाएं जलभराव के कारण घंटों घर से बाहर नहीं निकल पाए। स्कूली बच्चों को जलमग्न रास्तों से गुजरते देख परिजन चिंतित नजर आए।
प्रशासन नदारद, सफाई व्यवस्था पर उठे सवाल
दिल्ली नगर निगम और पीडब्ल्यूडी (PWD) की लचर व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। माना जा रहा है कि नगर निगम द्वारा समय पर नालियों की सफाई नहीं किए जाने के कारण जलभराव की स्थिति बनी। इससे पहले भी मानसून शुरू होने से पहले नालियों की सफाई को लेकर चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। हालांकि, दिल्ली सरकार के जल बोर्ड और PWD ने दावा किया है कि प्रभावित इलाकों में पंपों के जरिए पानी निकालने का कार्य जारी है, लेकिन स्थिति सामान्य होने में समय लगेगा।
राजधानी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा सवाल
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बारिश के कारण उत्पन्न हालातों ने एक बार फिर दिल्ली की शहरी योजना और जल निकासी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।ऐसे हालात राजधानी जैसे महानगर में चिंताजनक हैं, जहां मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी जैसे वादे तो किए जाते हैं, लेकिन हर साल कुछ घंटे की बारिश में ही सारी तैयारियां धरी की धरी रह जाती हैं।स्थानीय नागरिकों और आरडब्ल्यूए (RWA) प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है कि जलनिकासी को लेकर स्थायी और दीर्घकालिक योजना बनाई जाए, जिससे हर साल इस त्रासदी से बचा जा सके।केवल बारिश के समय नालियों की सफाई कर देना पर्याप्त नहीं है। जरूरी है कि पूरे इलाके का स्ट्रक्चर रिव्यू किया जाए और नई तकनीक आधारित ड्रेनेज सिस्टम लागू किया जाए।
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