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तिहाड़ जेल परिसर से आतंकी अफजल गुरु और मकबूल भट्ट की कब्रों को हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर

जनहित याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि अगर आवश्यक हो तो शव को किसी गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए ताकि आतंकवाद का महिमामंडन और जेल परिसर का दुरुपयोग रोका जा सके। 

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Mukesh Pandit
Tihar Jail

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर तिहाड़ जेल परिसर से आतंकवादी मोहम्मद अफजल गुरु और मोहम्मद मकबूल भट्ट की कब्रों को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। दोनों आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई थी और जेल परिसर में फांसी दी गई थी। जनहित याचिका में संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि अगर आवश्यक हो तो शव को किसी गुप्त स्थान पर स्थानांतरित किया जाए ताकि आतंकवाद का महिमामंडन और जेल परिसर का दुरुपयोग रोका जा सके। 

बुधवार को जनहित याचिकाओं पर सुनवाई 

विश्व वैदिक सनातन संघ और जितेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित जेल के अंदर इन कब्रों का निर्माण और उनका निरंतर अस्तित्व ‘अवैध, असंवैधानिक और जनहित के विरुद्ध है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्हें याचिका की सुनवाई की तारीख नहीं मिली, लेकिन इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है। दिल्ली हाई कोर्ट आमतौर पर बुधवार को ही जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करता है। 

सार्वजनिक व्यवस्था कमजोर करने का दावा

याचिका में आरोप लगाया गया कि इन कब्रों की मौजूदगी ने तिहाड़ केंद्रीय जेल को कट्टरपंथी तीर्थस्थल में बदल दिया है, जहां चरमपंथी तत्व दोषी ठहराए गए आतंकवादियों की पूजा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। याचिका में बताया गया, यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि भारत के संविधान के तहत धर्मनिरपेक्षता और कानून के शासन के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन करते हुए आतंकवाद को भी सही ठहराता है। याचिका में दावा किया गया कि जेल के अंदर इन कब्रों का होना ‘दिल्ली कारागार नियमावली, 2018’ के स्पष्ट प्रावधानों का उल्लंघन है। 

कब्रों को हटा कर उन्हें गुप्त स्थान पर पुनः स्थापित करें

याचिका में बताया गया, “इसलिए याचिकाकर्ता इस न्यायालय से शीघ्र हस्तक्षेप की गुहार करते हैं कि प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए कि वे तिहाड़ जेल से उक्त कब्रों को हटा कर उन्हें सुरक्षित और गुप्त स्थान पर पुनः स्थापित करें, जैसा कि अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे फांसी पाए आतंकवादियों के मामलों में स्थापित राज्य प्रथा के अनुसार हर सावधानी बरती गई थी, ताकि उनकी महिमा मंडन से बचा जा सके।

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याचिका में कहा गया है कि भट्ट और गुरु दोनों ने चरमपंथी जिहादी विचारधारा के प्रभाव में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दिया, जिससे भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा को गंभीर खतरा है। भट्ट को 1984 में और अफजल गुरु को फरवरी 2013 में फांसी दी गई थी। : Afzal Guru grave Tihar | delhi | delhi news | Delhi news today | trending Delhi news 

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