/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/19/air-pollution-in-delhi-2025-10-19-20-41-00.jpg)
नई दिल्ली, आईएएनएस। दीपावाली के उत्सव के ठीक एक दिन बाद, जब पटाखों और त्योहार की धुंध ने आसमान भर दिया, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने मंगलवार को उत्तरी भारत भर में हवा की गुणवत्ता में तेजी से बिगड़ने की चिंताजनक खबर दी। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुलेटिन के अनुसार, हरियाणा और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कई शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' और 'बहुत खराब' दर्ज किया गया है।जींद 421 वायु गुणवत्ता सूचकांक के साथ शीर्ष पर रहा, उसके बाद धारूहेड़ा (412), नारनौल (390) और रोहतक (376) का स्थान रहा। अन्य अत्यधिक प्रदूषित शहरों में बहादुरगढ़ (368), सिरसा (353), चरखी दादरी (353), गुरुग्राम (370) और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (351) शामिल हैं, जो सभी बहुत खराब श्रेणी में हैं। इस बीच प्रदषूण को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्योराप का सिलसिला भी प्रारंभ हो गया है।
गाजियाबाद 324, नोएडा (320 में हवा बेहद खराब
आंकड़े दर्शाते हैं कि इन सभी क्षेत्रों में कणीय पदार्थ पीएम2.5 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है, जिससे वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।इसके अलावा, गाजियाबाद (324), नोएडा (320), मानेसर (320) और हापुड़ (314) में भी वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' दर्ज की गई, जिससे संकेत मिलता है कि एनसीआर में जहरीली धुंध की चादर छा गई।
श्वसन संबंधी बीमारियों की आशंका
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थितियों के संपर्क में आने से श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों में।इसके अलावा, बेंगलुरु (97), चेन्नई (142) और हैदराबाद (116) जैसे दक्षिणी शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' से 'मध्यम' दर्ज की गई, जबकि मैसूर (41), गंगटोक (34) और शिलांग (17) जैसे तटीय और पूर्वोत्तर शहरों में 'अच्छी' स्थिति रही।
इससे पहले, सुबह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली के एक दिन बाद दिल्ली-एनसीआर में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी में रहा, जो 400 तक पहुंच गया। जबकि समग्र एक्यूआई 347 रहा, कई क्षेत्रों में इसका स्तर 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई चिंताजनक
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर चिंताजनक रहा। नरेला (354), नजफगढ़ (334), मुंडका (357), मंदिर मार्ग (325), मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम (358), लोधी रोड (334), जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (317), जहांगीरपुरी (404), आईटीओ (345), दिलशाद गार्डन (346), द्वारका सेक्टर 8 (333), मथुरा रोड (341), बवाना (418), और आनंद विहार (352) में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर दर्ज किया गया। : air pollution delhi | air pollution in delhi | air pollution effects | delhi air pollution | Pollution