नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। दिल्ली पुलिस ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि एजेंट जालसाजी कर 'डंकी रूट' के माध्यम से लोगों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने में माहिर था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। 'डंकी रूट' उन अवैध मार्गों को कहा जाता है, जिनका उपयोग प्रवासी बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका जैसे देशों में प्रवेश के लिए करते हैं। ये जोखिम भरी यात्राएं आमतौर पर मानव तस्करी गिरोहों द्वारा संचालित की जाती हैं।
जानिए कैसे पकड़ा गया पटियाला का नरेश
दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी की पहचान पंजाब के पटियाला जिले के मटौली गांव निवासी नरेश कुमार के रूप में हुई है। उसे तब पकड़ा गया जब अमेरिका से एक भारतीय यात्री को निर्वासित कर भारत भेजा गया और उसकी यात्रा संबंधी दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई गई। पुलिस के मुताबिक, नरेश कुमार ने अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर फर्जी 'शेंगेन वीजा' की व्यवस्था की थी और जालसाजी छुपाने के लिए यात्री के पासपोर्ट में छेड़छाड़ की थी। मामला तब सामने आया जब 4-5 अप्रैल की रात गुरसाहिब सिंह (39) नामक यात्री अमेरिका से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लौटा। उसके पासपोर्ट की जांच के दौरान गोंद के निशान पाए गए, जिससे छेड़छाड़ का संकेत मिला।
बैंक खाते से पकड़ा गया शातिर
पुलिस ने गुर साहिब सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में सिंह ने खुलासा किया था कि 2024 में सिंगापुर से लौटने के बाद वह गुरदेव सिंह उर्फ 'गुर्री' नामक एजेंट के संपर्क में आया था। गुरदेव ने उसे 20 लाख रुपये में अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था, जिसमें से 17 लाख रुपये नकद और तीन लाख रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए। जांच में पता चला कि बैंक खाता नरेश कुमार के नाम पर था। योजना के तहत सिंह को ब्रिटेन, स्पेन, ग्वाटेमाला, मैक्सिको होते हुए तिजुआना (मैक्सिको) तक भेजा गया, जहां से 'डंकी रूट' के जरिये उसे अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराया गया। अमेरिका में उसे हिरासत में लिया गया और तीन महीने बाद निर्वासित कर भारत भेज दिया गया। पूछताछ में नरेश कुमार ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने और यात्री से तीन लाख रुपये लेने की बात स्वीकार की है। पुलिस अब नरेश के बैंक खातों और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक मास्टर माइंड गुरदेव सिंह की तलाश जारी है।
आखिर क्या है डंकी रूट?
इस खबर को पढ़ने के बाद जहन में डंकी रूट को लेकर तमाम सवाल उठने लाजिमी हैं, तो आईए बताते हैं आखिरकार डंकी रूट है क्या? अवैध तरीके विदेश जाने के लिए जो रास्ता अपनाया जाता है उसे ही डंकी रूट कहते हैं। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के “डुंकी” से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर “कूदना” होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है। इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है। जिसका इस्तेमाल करते हुए लोग भारत से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे तमाम देशों में पहुंच जाते हैं।
भारी भरकम धनराशि दी जाती
इस रूट से विदेश जाने की चाह रखने वाले मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकाते हैं। यह रकम लाखों में होती है। ऐसा करने के लिए लोग ट्रैवल एजेंट का सहारा लेते हैं और अवैध दस्तावेज तैयार कराते हैं। कई बार इस रूट का लाभ लेते हुए खूंखार अपराधी भी बड़ी वारदातों को अंजाम देकर देश छोड़कर निकल जाते हैं। दिसंबर, 2023 में डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान को मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था। इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था।