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कर्नाटक, वाईबीएन डेस्क: कर्नाटक के मशहूर धर्मस्थल मंदिर में सैकड़ों शव दफनाने के सनसनीखेज आरोपों को लेकर एक बड़ा मोड़ सामने आया है। मामले को उजागर करने वाले पूर्व सफाईकर्मी को एसआईटी (विशेष जांच टीम) ने झूठे दावे और जांच को गुमराह करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
80 शवों को दफनाने का किया था दावा
पूर्व सफाईकर्मी ने दावा किया था कि 1995 से 2014 तक मंदिर में काम करने के दौरान उसे 70–80 शवों को अलग-अलग स्थानों पर दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। उसने यह भी कहा था कि इनमें कई महिलाएं और नाबालिग शामिल थे और कुछ शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान भी थे। शिकायतकर्ता ने मजिस्ट्रेट के सामने भी इस संबंध में गंभीर आरोपों वाला बयान दिया था। हालांकि, एसआईटी ने उसकी बातों को लेकर गहरी जांच शुरू की और शुक्रवार रात तक लगातार उससे पूछताछ की। अधिकारियों के अनुसार उसके बयान और दस्तावेजों में कई विसंगतियां पाई गईं।
शव दफनाने के कोई पुख्ता सबूत नहीं
एसआईटी प्रमुख प्रणव मोहंती के नेतृत्व में टीम ने आरोप लगाने वाले व्यक्ति को मेडिकल जांच के लिए भी अस्पताल भेजा। जांच में पता चला कि जो मानव खोपड़ी उसने दिखाने का दावा किया था, वह फर्जी थी।
एसआईटी ने शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए नेत्रवती नदी के किनारे और आसपास के जंगलों में खुदाई की, जहां दो स्थानों से कुछ कंकालों के अवशेष ज़रूर मिले हैं, लेकिन बड़ी संख्या में शव दफनाने के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधानसभा में बताया कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। उन्होंने कहा, "यदि आरोप झूठे साबित होते हैं तो शिकायतकर्ता के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि खुदाई की प्रक्रिया पूरी तरह एसआईटी के निर्णय पर आधारित है, सरकार इसमें दखल नहीं दे रही। Dharmasthala temple | Karnataka dead body burial case