नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की कुल 5.50 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इसके अलावा, सुकमा जिले में स्थित कांग्रेस कार्यालय की 65 लाख रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली गई है। इस तरह ईडी ने कुल 6 करोड़ 15 लाख 75 हजार रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं।
जेल में मंत्री और बेटे
गौरतलब है कि कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा इस समय जेल में बंद हैं। ईडी ने उन्हें इसी साल जनवरी में गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी का आरोप है कि शराब सिंडिकेट से लखमा को 36 महीनों में करीब 72 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई थी। यह कथित घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी और लखमा आबकारी मंत्री थे।
कांग्रेस कार्यालय सीज
ईडी ने इस कार्रवाई में कांग्रेस पार्टी के सुकमा स्थित जिला कार्यालय को भी शामिल कर लिया है, जिसकी कीमत 65 लाख रुपये बताई गई है। सुकमा स्थित कांग्रेस दफ्तर को सीज कर दिया गया है। भाजपा नेता ने कहा कि यह कार्यालय भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ा था। इससे कांग्रेस खेमे में नाराजगी और सियासी हलचल बढ़ गई है।
कांग्रेस ने बताया राजनीतिक साजिश
कांग्रेस ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी के मीडिया चेयरमैन सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ईडी बीजेपी के आलीशान दफ्तर की भी जांच करेगी जिसकी लागत करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये बताई जाती है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हर इंच की संपत्ति का हिसाब देने को तैयार है, हम आज़ादी से पहले से कार्यकर्ताओं के सहयोग से दफ्तर बनाते आए हैं।
2161 करोड़ रुपये का घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले की जांच में ईडी ने अब तक 21 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, और कई शराब कारोबार से जुड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। जांच एजेंसी का अनुमान है कि इस पूरे घोटाले में करीब 2161 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ। Congress | Chhattisgarh