भोपाल, वाईबीएन नेटवर्क।
Pataudi Family Property: सैफ अली खान को एक और बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, भोपाल में नवाब परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो सकता है। भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहा स्टे अब खत्म हो गया है। सरकार अब इस संपत्ति का सर्वे कराएगी और क़ानूनी प्रक्रिया के तहत इसे अपने कब्जे में ले सकती है। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
15 हजार करोड़ की संपत्ति
भोपाल का नवाब परिवार अपनी शानो शौकत और दौलत के लिए मशहूर रहा है। नवाब परिवार के पास करीब 15 हजार करोड़ की संपत्ति है, जिसमें हरियाणा का पटौदी पैलेस, भोपाल का नूर-उस-सबाह पैलेस, कॉटेज 9, फोर क्वार्टर्स, मोटर्स गैराज, फ्लैग स्टाफ हाउस, दार-उस-सलाम, बंगला ऑफ हबीबी, वर्कशॉप, न्यू कॉलोनी क्वार्टर्स, बंगला नंबर वन न्यू कॉलोनी, डेयरी फर्म क्वार्टर्स, गर्वमेंट डिस्पेंसरी, गर्वमेंट स्कूल, फारस खाना, फॉरेस्ट स्टोर और अहमदाबाद पैलेस जैसी प्रॉपर्टीज शामिल हैं।
30 दिन का समय मिला था, लेकिन...
गौरतलब है कि भोपाल के नवाब मंसूर अली खान पटौदी परिवार की संपत्ति की कीमत करीब 15 हजार करोड़ रुपये है, जिस पर सरकार का अधिकार हो सकता है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (जबलपुर) ने इस संपत्ति पर 2015 से लगे स्टे को हटा दिया है। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नवाब परिवार को 30 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने का समय दिया था, लेकिन नवाब परिवार ने अभी तक कोई दावा पेश नहीं किया है। अब सरकार नवाब परिसर की संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के दायरे में लाते हुए 2015 के आदेश के तहत अपनी कब्जे में ले सकती है।
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शत्रु संपत्ति क्या है?
1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया। इस कानून के तहत विभाजन के बाद पाकिस्तान जाने वाले लोगों की भारत में छोड़ी गई संपत्तियों पर केंद्र सरकार का हक होता है। दरअसल, नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति की वैध वारिस उनकी बड़ी बेटी आबिदा थीं, जो पाकिस्तान चली गई थीं। इसलिए, नवाब परिवार की यह संपत्ति शत्रु संपत्ति कानून के दायरे में आती है। हालांकि, नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के वंशज (शर्मिला, सैफ, सबा सोहा आदि) इस संपत्ति पर अपना दावा कर रहे हैं।
हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देगा नवाब परिवार?
मध्य प्रदेश के जबलपुर हाई कोर्ट ने नवाब परिवार की संपत्ति पर लगे स्टे को हटा दिया है। अब नवाब परिवार के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के मुताबिक, पिछले 72 सालों में शत्रु संपत्तियां किन लोगों के नाम हो गई हैं, इसकी जांच की जाएगी।
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