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Muzaffarnagar: फीस के लिए प्रताड़ना से तंग छात्र ने आत्महत्या की, कॉलेज में हंगामा

मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना स्थित डीएवी डिग्री कॉलेज में बीए के छात्र उज्ज्वल राणा ने फीस जमा करने को लेकर प्रताड़ित किए जाने के बाद आत्मदाह कर दिया। घटना के पहले उज्ज्वल ने वीडियो जारी कर प्राचार्य प्रदीप कुमार और पुलिसकर्मियों पर अपमान और पिटाई का आरोप लगाया।

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Ranjana Sharma
Katrina 11 (11)
मुजफ्फरनगर, वाईबीएन डेस्‍क: मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना स्थित डीएवी डिग्री कॉलेज में फीस को लेकर प्रताड़ित किए जाने के बाद बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल राणा (20) ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। घटना के बाद स्थानीय लोगों और छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने कॉलेज के गेट पर हंगामा किया, जिससे पुलिस और प्रशासन को सक्रिय रूप से हस्तक्षेप करना पड़ा।

आत्‍महत्‍या से पहले छात्र ने बताया वीडियाे 

उज्ज्वल राणा मूल रूप से बागपत जिले के भड़ल गांव के निवासी थे। वे अपने परिवार के साथ बुढ़ाना के मोहल्ला खाकरोबान में रहते थे। उज्ज्वल ने आत्मदाह करने से पहले वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि प्राचार्य प्रदीप कुमार ने फीस जमा करने को लेकर उनके बाल खींचे और उन्हें पिटाई की। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को बुलाकर उन्हें प्रताड़ित किया गया। 6 नवंबर को कॉलेज के सामने उज्ज्वल ने पहला वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने फीस के दबाव और प्रताड़ना की शिकायत की। इसके बाद रविवार को जनपद जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मवीर बालियान और कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के सामने हंगामा किया। भाकियू के पदाधिकारी भी कोतवाली में धरने पर बैठ गए। दोपहर को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भी कोतवाली पहुंचे। उज्ज्वल की बहन सलोनी ने उनकी मौत के बाद मामले में दोबारा तहरीर दी। इसके बाद कॉलेज प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग, प्राचार्य प्रदीप कुमार, पीटीआई संजय कुमार, दरोगा नंद किशोर, और सिपाही ज्ञानवीर व विनीत कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।

पांच हजार रुपये जमा करने के लिए दबाव डाला

उज्ज्वल के कई वीडियो वायरल हुए हैं। पहले वीडियो में उन्होंने कहा कि प्राचार्य ने उन्हें यूनिवर्सिटी फीस जमा करने के बावजूद पांच हजार रुपये जमा करने के लिए दबाव डाला। उन्होंने बताया कि प्राचार्य ने उन्हें पहले अपने दफ्तर में पीटा और फिर कॉलेज के गेट पर लाकर पिटाई की। उन्होंने पुलिस से शिकायत की, लेकिन पुलिसकर्मी भी उनके साथ बदसलूकी करने लगे। इसके अगले दिन, शनिवार को उज्ज्वल कॉलेज पहुंचे और सुबह करीब 11 बजे पेट्रोल डालकर आग लगा दी। साथी छात्रों ने आग बुझाई, लेकिन छात्र लगभग 80 फीसदी जल गए। उन्हें पहले सीएचसी, फिर मेरठ और अंततः दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

प्राचार्य और पुलिसकर्मियों के व्यवहार ने छात्र को तोड़कर रख दिया

उज्ज्वल के वायरल वीडियो में वह कहते नजर आए कि प्राचार्य और पुलिसकर्मियों का व्यवहार उन्हें तोड़कर रख दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने गरीब और असहाय छात्रों की मदद के लिए आवाज उठाई, लेकिन इसके बदले में उन्हें अपमान और धमकियाँ मिलीं। उन्होंने पुलिसकर्मियों धर्मवीर, नंद किशोर और विनीत को भी दोषी बताया। घटना के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में डीएम उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय वर्मा को बुलाकर मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई के आदेश दिए। इस घटना के बाद कॉलेज और पुलिस प्रशासन की आलोचना तेज हो गई है। उज्ज्वल की मौत ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे इलाके में लोगों को आक्रोशित कर दिया है।

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