पटना, वाईबीएन नेटवर्क :
बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। सोमवार को भोर में ही बिहार लोकसेवा आयोग (बीपीएससी) की 70 वीं परीक्षा को रद करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे जनसुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इससे सियासी तापमान और बढ़ गया है।
पुलिस ने खाली कराया गांधी मैदान
बीपीएससी अभ्यर्थियों की परीक्षा रद करने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को तड़के 4 बजे एंबुलेंस से पहले एम्स ले गई। इस बीच गांधी मैदान को खाली करा लिया गया। जनसुराज पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने जिस समय यह कारवाई की, उस समय प्रशांत किशोर समेत सभी कार्यकर्ता सोए हुए थे। बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची और प्रशांत किशोर को जगाकर बोली, चलिए,आपके हमारे साथ चलना है। इस पर जनसुराज पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया, लेकिन पुलिस सभी को अनशन स्थल से जबरन उठाकर ले गई। प्रशांत किशोर पर परीक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया।
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गिरफ्तारी के बावजूद अनशन जारी रहेगा
जनसुराज पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशांत किशोर को अनशनस्थल से उठा लिया गया है, परंतु उनका आमरण-अनशन जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि पुलिस जब उन्हें एम्स ले गई तो प्रशांत किशोर ने किसी भी तरह का इलाज कराने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पुलिस AIIMS से निकाल कर नौबतपुर पहुंच चुकी है। पुलिस ने योजनाबद्ध ढंग से प्रशांत किशोर को उनके अन्य कार्यकर्ताओं से अलग कर दिया। उन्होंने रविवार को ही बिहार में नया संगठन युवा सत्याग्रह समिति बनाने की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी, इसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।
क्या है बीपीएससी का मामला
बीपीएससी द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थियों ने शहर के बापू परीक्षा केंद्र में संचालित परीक्षा का बहिष्कार किया था। इसके बाद आयोग ने 12000 अभ्यर्थियों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया था। इसके तहत अभ्यर्थियों को चार जनवरी को शहर के विभिन्न केंद्रों पर नए सिरे से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए कहा गया था। संयुक्त परीक्षा आयोग का मानना है कि बिहार के शेष 911 केंद्रों पर परीक्षा ठीक से आयोजित की गई। जबकि अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि राज्य भर में 900 से अधिक केंद्रों पर उपस्थित सभी पांच लाख उम्मीदवारों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए।
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