नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के लिए सीबीएसई के मसौदा मानदंडों में पंजाबी विषय का उल्लेख नहीं है, जिस पर पंजाब के शिक्षा मंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई है, जबकि बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि यह सूची केवल सांकेतिक है। सीबीएसई ने यह भी कहा है कि किसी भी विषय को हटाया नहीं जाएगा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मंगलवार को दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित करने के लिए मसौदा मानदंडों को मंजूरी दे दी थी। मसौदा मानदंड अब सार्वजनिक किए जाएंगे और हितधारक नौ मार्च तक अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिसके बाद नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा- पंजाबी मुख्य भाषा हो
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आरोप लगाया कि नयी नीति में पंजाबी को विषय सूची से हटाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार भाषा पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी। बैंस ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा, “हम सीबीएसई की नयी परीक्षा पैटर्न योजना पर कड़ी आपत्ति जताते हैं, जिसके तहत पंजाबी को मिटाने का प्रयास किया गया है। पंजाबी को पंजाब में मुख्य भाषा के रूप में नामित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, इसे देश के बाकी हिस्सों के लिए एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह कई राज्यों में बोली और पढ़ी जाती है।
पंजाबी पर हमला बर्दाश्त नहीं
पंजाबी पर किसी भी तरह का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” हालांकि, सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने कहा कि विषयों की सूची में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, “वर्तमान में प्रस्तावित विषयों की सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मसौदा नीति में दी गई सूची सांकेतिक है। वर्तमान में प्रस्तावित सभी विषय कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में दोनों चरणों में जारी रहेंगे।”
अगले साल से दो बार होगी बोर्ड परीक्षा
मसौदा मानदंडों के अनुसार, कक्षा 10 के छात्र 2026 से एक शैक्षणिक सत्र में दो बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे या दोनों में से एक का चयन कर सकेंगे। पहला चरण 17 फरवरी से 6 मार्च तक तथा दूसरा चरण 5 से 20 मई के बीच आयोजित किया जाएगा। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि इस प्रणाली के तहत कोई अलग से पूरक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। इसके बजाय, दूसरे चरण में उन छात्रों के लिए पूरक परीक्षा आयोजित की जाएगी जो अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं।