गुरुग्राम, वाईबीएन डेस्क:गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार पिता दीपक यादव से पुलिस ने हिरासत में गहन पूछताछ की। शनिवार को उनकी रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बुधवार को हुए इस हत्याकांड ने राधिका के परिवार के साथ-साथ पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे राधिका के ताऊ विजय यादव ने कई चौंकाने वाली जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गोली की आवाज सुनते ही वह ऊपर पहुंचे जहां दीपक फर्श पर बैठा हुआ था और रोते हुए कह रहा था, "भाई, कन्या वध हो गया।
आत्महत्या कर सकता था आरोपी दीपक
विजय ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और चेताया कि दीपक खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। दीपक ने खुद पुलिस से अनुरोध किया कि उसके खिलाफ ऐसी चार्जशीट दाखिल की जाए जिससे उसे फांसी की सजा मिले। विजय ने यह भी बताया कि दीपक बेहद टूट चुका था और उन्हें डर था कि वह आत्महत्या कर सकता है। हत्या के बाद राधिका का पोस्टमार्टम हुआ और शुक्रवार को अंतिम संस्कार वजीराबाद गांव में किया गया। जहां उनके भाई धीरज यादव ने मुखाग्नि दी। पुलिस पूछताछ में दीपक ने स्वीकार किया कि वह अवसाद में था और उसे लगता था कि समाज में उसे बेटी राधिका के कारण ताने सुनने पड़ते हैं।
समाज के तानों से परेशान हो गया था दीपक यादव
घर की आय अब टेनिस प्रशिक्षण से होती थी, जिसकी जिम्मेदारी राधिका के कंधों पर थी। दीपक को यह भी लगता था कि उसकी बेटी खुद को 'सुपरस्टार' समझने लगी थी, जिससे उसे मानसिक पीड़ा हो रही थी। राधिका पिछले वर्ष एक म्यूजिक वीडियो में भी नजर आई थीं, जिसे लेकर पहले भी परिवार में विवाद हुआ था। पुलिस को संदेह है कि सोशल मीडिया पर राधिका की बढ़ती लोकप्रियता और स्वतंत्रता ने दीपक के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई और इसी मानसिक स्थिति में आकर उसने यह भयावह कदम उठाया।
रसोई में खून से लथपथ पड़ी थी राधिका
पुलिस प्रवक्ता संदीप सिंह ने बताया, “दीपक ने कई बार राधिका से कहा था कि वह ये सब छोड़ दे, लेकिन जब वह नहीं मानी, तो उसने गुस्से में यह अपराध कर दिया। घटना के समय घर की पहली मंजिल पर केवल दीपक, उसकी पत्नी
मंजू यादव और राधिका मौजूद थे। राधिका के चाचा कुलदीप यादव ने दीपक के खिलाफ केस दर्ज कराया। कुलदीप के अनुसार, सुबह करीब 10:30 बजे गोली चलने की आवाज सुनकर वह ऊपर भागे। वहां रसोई में राधिका खून से लथपथ पड़ी थी और ड्राइंग रूम में रिवॉल्वर रखी हुई थी। कुलदीप और उनके बेटे पीयूष ने राधिका को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुकी थी।पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ है कि राधिका को बेहद नजदीक से चार गोलियां मारी गई थीं। अब पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि लाइसेंसी रिवॉल्वर में कुल कितनी गोलियां थीं और कितनी चलाई गईं। राधिका पेशेवर टेनिस खिलाड़ी थीं और वह अपनी कोई व्यक्तिगत अकादमी न होने के बावजूद अलग-अलग जगहों पर टेनिस कोर्ट बुक कर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देती थीं। दीपक को इसी पर आपत्ति थी, जो बाप-बेटी के बीच लगातार तनाव का कारण बना।
Radhika Murder Case