Advertisment

जम्मू-कश्मीर में आतंक के खात्मे का संकल्प,कायम की जाएगी शांति: Manoj Sinha

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्पष्ट कहा है कि केंद्र शासित प्रदेश में शांति खरीदी नहीं, बल्कि आतंकी तंत्र को जड़ से खत्म करके स्थापित की जाएगी।

author-image
Ranjana Sharma
LG MANOJ SINHA, JAMMU KASHMIR, PUNCH, INDIA PAKISTAN BORDER
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

श्रीनगर, आईएएनएस: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को कहा कि शांति खरीदी नहीं जाएगी, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश में पूरे आतंकी तंत्र को नष्ट करके इसे स्थापित किया जाएगा।  यहां एक समारोह में उपराज्यपाल ने कहा, "प्रशासन शांति खरीदने के लिए नहीं, बल्कि क्षेत्र में स्थायी और न्यायपूर्ण शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहा है।

दोषियों को भी बख्शा नहीं जाएगा

उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी निर्दोष को छुआ नहीं जाएगा, लेकिन ये भी सच है कि दोषियों को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादी तंत्र को ध्वस्त करने में जम्मू-कश्मीर पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उपराज्यपाल ने कहा, "आतंकवादियों के वित्तीय, सैन्य या अन्य किसी भी तरह के समर्थन तंत्र को नष्ट करना जम्मू-कश्मीर पुलिस की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। सिर्फ आतंकवादी से ही नहीं, बल्कि आतंक का समर्थन करने वाली पूरी मशीनरी से भी निपटना जरूरी है।

पाकिस्तान के इशारे पर हजारों लोग मारे गए

उन्होंने अतीत में हुए उस रवैये की आलोचना की, जिसमें आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े लोगों को सरकारी नौकरियां दी जाती थीं, जबकि आतंकवाद के पीड़ितों की उपेक्षा की जाती थी और उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया जाता था। उन्होंने कहा, "प्रशासन अब उन परिवारों के पुनर्वास के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है जो आतंकवादियों के हाथों पीड़ित हुए हैं। कई परिवारों ने आतंकवाद में अपने प्रियजनों को खो दिया है। कुछ घरों में, बेटों की बेरहमी से हत्या के बाद, केवल बुजुर्ग माता-पिता ही जीवित बचे हैं। पाकिस्तान के इशारे पर हजारों लोग मारे गए। 13 जुलाई को बारामूला में आतंकवाद पीड़ित 40 परिवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।

 युवाओं के हाथों में पत्थरों की जगह कलम और लैपटॉप ने ले ली

उपराज्यपाल ने कहा, "कुछ युवाओं ने अपने पिता को तब खो दिया जब वे सिर्फ दो साल के थे। आज, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके दर्द को पहचाना जाए और न्याय दिलाया जाए। नया जम्मू-कश्मीर सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक वास्तविकता है जो पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुई है। अब युवाओं के हाथों में पत्थरों की जगह कलम और लैपटॉप ने ले ली है। स्कूल और कॉलेज साल भर बिना किसी हड़ताल के खुले रहते हैं। अलगाववादी नारों और बंद के कैलेंडर के दिन अब लद गए हैं। उन्होंने कहा, "आज, हमारे पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से भरे कैलेंडर हैं।

लोगों को सुरक्षा बलों के साथ हाथ मिलाना होगा

Advertisment

उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि बंदूक की तड़तड़ाहट की जगह कारखानों की आवाज ने ले ली है। लोग अब मुहर्रम के जुलूस और ईद मेले जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में खुलकर हिस्सा ले सकते हैं, और परिवार बिना किसी डर के घूम-फिर सकते हैं और सिनेमाघरों में फिल्में देख सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को सुरक्षा बलों के साथ हाथ मिलाना होगा। शांति केवल संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं है; यह न्याय, अवसर और आशा की उपस्थिति है। और हम इस शांति को एक स्थायी वास्तविकता बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। LG Manoj Sinha

LG Manoj Sinha
Advertisment
Advertisment