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श्रीनगर, वाईबीएन डेस्क: जम्मू-कश्मीर में आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर सुरक्षा से लेकर सुविधाओं तक की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को यात्रा को लेकर अपनी आशाएं और तैयारियों का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों के सुरक्षित और सफल यात्रा अनुभव को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
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उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दो महत्वपूर्ण बैठकें हुईं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आशा करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि यह यात्रा शांतिपूर्ण और सफल हो। श्रद्धालु अच्छी संख्या में आएं, दर्शन करें और सुरक्षित अपने घर लौटें। प्रशासन की ओर से सभी जरूरी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। उमर अब्दुल्लाने जानकारी दी कि अमरनाथ यात्रा को लेकर उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गई हैं। इनमें एक बैठक राजनीतिक दलों के साथ हुई, जबकि दूसरी सिविल सोसायटी प्रतिनिधियों के साथ। दोनों बैठकों में यात्रा मार्ग, सुरक्षा व्यवस्था, लॉजिस्टिक सपोर्ट और स्थानीय समर्थन जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
यात्रा 2 जुलाई से शुरू होगी
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यात्रा को लेकर सभी वर्गों से संवाद किया गया है ताकि सामाजिक समरसता बनी रहे और तीर्थयात्रियों को पूरे कश्मीर में स्वागत और सहयोग मिले,” उन्होंने जोड़ा। सरकारी कार्यक्रम के अनुसार, अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 2 जुलाई 2025 को जम्मू से होगी। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था वहां से रवाना होगा और पारंपरिक पहलगाम और बालटाल मार्गों से अमरनाथ गुफा तक यात्रा करेगा। प्रशासन की ओर से जम्मू, अनंतनाग, पहलगाम, सोनमर्ग और गुफा मार्ग पर कई राहत कैंप, मेडिकल यूनिट्स, सुरक्षा चौकियां और खाने-पीने के केंद्र बनाए गए हैं।
सुरक्षा और सेवाओं को लेकर कड़े इंतजाम
इस बार यात्रा के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, ड्रोन से निगरानी, सीसीटीवी नेटवर्क, फायर फाइटिंग सिस्टम, और हेल्थ इमरजेंसी यूनिट्स जैसे इंतजाम किए गए हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए संपूर्ण तंत्र सक्रिय रहे। जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF और सेना के जवानों के साथ मिलकर हर यात्रा मार्ग पर सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। इसके अलावा मौसम पूर्वानुमान प्रणाली और ट्रैफिक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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स्थानीयों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने कश्मीर के स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे तीर्थयात्रियों का खुले दिल से स्वागत करें, जैसा कि परंपरा रही है। उन्होंने कहा,“यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि कश्मीर की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और यहां के लोगों का स्नेह लेकर लौटते हैं।प्रशासन ने पिछले वर्षों की यात्राओं के अनुभवों से सबक लेते हुए इस बार व्यवस्था में कई सुधार किए हैं। खास तौर पर आपदा प्रबंधन, भूस्खलन संभावित इलाकों की पहचान, और यात्री बीमा योजना पर विशेष ध्यान दिया गया है।Amarnath Yatra
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