मोहाली(पंजाब), वाईबीएन नेटवर्क।
crime latest story Bajinder Singh Case: हरियाणा के यमुनानगर निवासी और जालंधर स्थित ‘चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ के संस्थापक बजिंदर सिंह को मोहाली की जिला अदालत ने दुष्कर्म के मामले में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। स्वयंभू पादरी पर यह मामला 2018 में जीरकपुर पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। यह मामला एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया था। बाद में पुलिस ने इसे दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। अभी बीते 28 मार्च को जिला अदालत में इसे दोषी करार दिया था। इसके बाद इसे पटियाला जेल भेज दिया गया था। बजिंदर सिंह खुद को ईसा मसीह का दूत बताता है और चमत्कारिक इलाज का दावा करता है।
महिला ने लगाया था दुष्कर्म का आरोप
स्वयंभू पादरी बजिंदर सिंह पर 2018 में एक 35 वर्षीय महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीड़िता का दावा है कि पादरी बजिंदर सिंह ने मोहाली स्थित अपने घर पर उसके साथ बलात्कार किया और इस घटना को रिकॉर्ड कर उसे ब्लैकमेल करने की धमकी दी। महिला के अनुसार, "आरोपी ने उसे धमकाया था कि अगर वह उसकी मांगों को नहीं मानती तो वह वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके वायरल कर देगा।"शिकायत के मुताबिक, अप्रैल 2018 में पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद बजिंदर सिंह फरार हो गया था। बाद में उसे दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया, जब वह लंदन भागने की कोशिश कर रहा था।
कोर्ट ने 28 मार्च को ठहराया था दोषी
28 मार्च को सुनवाई के दौरान अदालत ने उसे दोषी ठहराया और 1 अप्रैल को उम्रकैद की सजा सुनाई। जीरकपुर पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर पादरी समेत 7 लोगों (अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप उर्फ पहलवान) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इन पर आईपीसी की धारा 376, 420, 354, 294, 323, 506, 148 और 149 के तहत केस दर्ज किया गया था। मंगलवार को सजा के ऐलान के बाद पीड़ितों ने राहत की सांस ली, वहीं बचाव पक्ष ने उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है। मोहाली की पॉक्सो कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद स्वघोषित पादरी बजिंदर सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया।