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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली साइबर पुलिस को सेक्सटॉर्शन रैकेट के मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने हरियाणा के नूंह जिले से 26 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है, जो लोगों को फंसाकर उनसे पैसों की वसूली करता था। फिलहाल आरोपी से पूछताछ जारी है और पुलिस दूसरे साथियों की तलाश में जुटी हुई है। गिरफ्तार व्यक्ति पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति को उसका वीडियो ऑनलाइन अपलोड करने की धमकी देकर उसे 39 हजार रुपये अंतरित करने के लिए मजबूर किया। यह एक हैरान कर देने वाला मामला है।
शिकायतकर्ता को महिला ने वीडिया कॉल किया
पुलिस के अनुसार, पांच जून को शिकायतकर्ता को एक अज्ञात महिला ने वीडियो कॉल की और इसके तुरंत बाद ‘वीडियो कॉल’ काट दी। पुलिस उपायुक्त (बाह्य उत्तरी) हरेश्वर स्वामी ने कहा, इसके तुरंत बाद पीड़ित को एक मोबाइल नंबर से फोन किया गया और फोन करने वाले ने खुद को साइबर पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि उसका एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाएगा।
वीडियो हटाने के लिए पैसे की मांग की
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद फोन करने वाले ने पीड़ित की बात एक अन्य व्यक्ति से करवाई, जिसने खुद को सोशल मीडिया मंच का एक कर्मचारी बताया और वीडियो हटाने के लिए पैसे की मांग की। पुलिस उपायुक्त ने कहा, डर के मारे पीड़ित ने एक यूपीआई आईडी पर तीन बार में कुल 39 हजार रुपये अंतरित कर दिए और इसके बाद उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का एहसास हुआ।
ऐसे क्रैक किया साइबर पुलिस ने नेटवर्क
बाद में उसने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर शिकायत दर्ज कराई। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बैंक खाते और फोन के विवरण की जांच की तथा हरियाणा के नूंह स्थित मुबारिकपुर गांव में एक परिसर से मोहम्मद नसीम नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एनसीआरपी की चार शिकायतों से नसीम का नाम जुड़ा है और यह एक व्यापक ‘सेक्सटॉर्शन नेटवर्क’ की ओर इशारा करता है।
एआई सेक्सटॉर्शन और डीपफेक तकनीक क्या है
एआई सेक्सटॉर्शन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तकनीक, विशेष रूप से डीपफेक एल्गोरिदम का उपयोग करके व्यक्तियों को परेशान करने, जबरन वसूली करने या ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से नकली वीडियो या चित्र बनाने को संदर्भित करता है। डीपफेक तकनीक वीडियो में चेहरों और शरीरों में हेरफेर करने या उन्हें बदलने के लिए एआई एल्गोरिदम का इस्तेमाल करती है, जिससे वे वास्तविक लगते हैं और अक्सर असली फुटेज से अलग नहीं दिखते। इससे दुर्भावनापूर्ण अभिनेता ऐसी स्पष्ट सामग्री बना पाते हैं जिसमें व्यक्तियों को यौन गतिविधियों में लिप्त दिखाया जाता है, भले ही उन्होंने ऐसी गतिविधियों में कभी भाग ही न लिया हो। Sextortion case India | Crime | crime branch | crime detection | crime awareness | Crime in India