Advertisment

SIT to Probe: मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए स्पेशल टीम गठित, NCW की टीम जानेगी पीड़ितों का दर्द

वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने SIT गठित की है। ममता बनर्जी ने मृतकों को 10 लाख का मुआवजा देने का एलान किया है। उधर राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम भी वहाँ का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात करने पहुँच रही है।

author-image
Vibhoo Mishra
एडिट
SIT-NCW
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

कोलकाता, वाईबीएन नेटवर्क। west Bangal के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हुए हिंसक विरोध के बाद हालात भले ही अब सामान्य बताए जा रहे हों, लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य पुलिस ने जांच के लिए 9 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी है। इस टीम में खुफिया शाखा के एडिशनल एसपी, आतंकवाद निरोधक बल (CIF) और आपराधिक जांच विभाग (CID) के डीएसपी समेत कुल 5 इंस्पेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

NWC की टीम भी करेगी पीड़ितों से मुलाकात 

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के कुछ दिनों बाद पूरे देश में हलचल मच गई। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने बुधवार को इस घटना को गंभीरता से लिया और हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में चार सदस्यीय समिति गुरुवार को कोलकाता पहुंचेगी और शुक्रवार को मुर्शिदाबाद में हिंसा से विस्थापित प्रभावित महिलाओं और परिवारों से मिलने के लिए मालदा जाएगी। टीम मालदा के पुलिस अधीक्षक और जिला मजिस्ट्रेट के अलावा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ भी बैठक करेगी। 

बता दें कि 11 अप्रैल को वक्फ संशोधन कानून के विरोध में मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाले गए जुलूस के दौरान मुर्शिदाबाद के समसेरगंज और धुलियान जैसे इलाकों में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की जान गई, कई लोग घायल हुए और सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। पुलिस की फायरिंग में भी एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है।

सीएम ने की 10 लाख मुआवजे की घोषणा 

इस पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में मुस्लिम मौलवियों के साथ बैठक की और मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून को लेकर विरोध लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी। ममता ने मुख्य सचिव को इस मसले पर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

Advertisment

वहीं अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अहमद हसन इमरान ने भी बयान जारी कर कहा कि दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाना चाहिए, न कि हिंसक तरीकों से अपनी बात रखी जाए। उन्होंने कहा कि टीएमसी के सांसद भी इस विरोध में साथ देंगे।

150 से अधिक गिरफ्तार, BSF की तैनाती

पुलिस ने अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर मुर्शिदाबाद में BSF की अतिरिक्त कंपनियां और केंद्रीय बल तैनात किए गए हैं। साथ ही राज्य पुलिस और CRPF का भी संयुक्त बल तैनात है। पुलिस महानिदेशक (DGP) ने खुद हालात का जायज़ा लिया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। एक कंट्रोल रूम भी सक्रिय कर दिया गया है, जहां से आमजन अपनी समस्याएं सीधे पुलिस तक पहुंचा सकते हैं। दक्षिण बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति लौट रही है।

violence in west bengal mamta banerjee police commissioner police operation Police
Advertisment
Advertisment